संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव इन दिनों सुर्खियों में है। डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर चुनाव में जीत हासिल की है। पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान, पत्रकार अविनाश कल्ला ने अमेरिका की यात्रा की और अपने अनुभवों को ‘अमेरिका 2020 : एक बँटा हुआ देश’ शीर्षक किताब में संकलित किया। इस किताब का एक अंश राजकमल ब्लॉग में प्रस्तुत है, जिसमें ट्रम्प के गृह राज्य फ्लोरिडा के चुनावी माहौल और वहाँ के लोगों से राष्ट्रपति के रूप में ट्रम्प को चुनने के कारणों पर लेखक की बातचीत है।
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डोनाल्ड ट्रम्प वेस्ट पालम बीच स्थित न्यू लाइब्रेरी में अपना वोट डालने वाले थे। हम जहाँ रुके थे, लाइब्रेरी वहाँ से लगभग 6 मील दूर थी, हम भी समय रहते निकल गए। पर लाइब्रेरी से करीब एक मील दूर हमें रोक दिया गया। ट्रम्प अपना मतदान करने पहुँच गए थे और जल्दी ही वहाँ से निकलने वाले थे। उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ रास्तों का ट्रैफिक अभी रोक दिया गया था।
हम वहाँ सही समय पर वो दृश्य देखने नहीं पहुँच सके, फिर भी हमने लाइब्रेरी का रुख किया। वहाँ पहुँचकर हम पार्किंग खोज ही रहे थे कि क़रीब 10-15 गाड़ियों का क़ाफ़िला जिन पर ट्रम्प के समर्थन के झंडे, बैनर लगे हुए थे शोरगुल करता हुआ गुजरा।
पहली बार चुनाव में कुछ जाना-पहचाना दिखा, वे लोग माइक पर बोले जा रहे थे, “कास्ट योर वोट एंड सपोर्ट ट्रम्प। इफ़ यू हैव देन ज्वाइन अस (आप ट्रम्प को वोट देकर अपना समर्थन दीजिए, और अगर आपने मे मतदान कर लिया है तो हमारे साथ चलिए)।”
हम मतदान तो नहीं कर सकते थे, पर यह जानने के लिए कि यह क़ाफ़िला कहाँ तक जाएगा और क्या कुछ करता है हम उनके साथ हो लिये।
अभी हम लाइब्रेरी से बाहर निकले ही थे कि देखते-ही-देखते कुछ मोटरसाइकिल सवार, दो बड़ी वैन और एक बड़ी-सी बस जिस पर राष्ट्रपति ट्रम्प का फ़ोटो और स्लोगन लिखे थे हमारे पीछे लग गईं। अब हमारे आगे कारें थीं, पीछे बस और वैन और बाईं ओर मोटरसाइकिल का क़ाफ़िला।
ट्रम्प के समर्थन में गाने और एमएजीए (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) एन्थम कारों में लगे स्पीकरों पर जोर से बज रहे थे। जैसे-जैसे क़ाफ़िला आगे बढ़ रहा था, गाड़ियाँ जुड़ती जा रही थीं और हॉर्न का शोर बढ़ता जा रहा था। इतना शोर कि एक बार के लिए लगा कि हम भारत में ही कार चला रहे हैं। गाड़ियाँ 100 से अधिक हो गई थीं और हमें क़ाफ़िले के साथ चलते एक घंटा हो गया था। क़ाफ़िला शॉपिंग मॉलों, वोटिंग सेंटरों हसे निकल रहा था और जब भी कोई नई गाड़ी क़ाफ़िले में जुड़ती उसमें शामिल अन्य गाड़ियाँ ज़ोर-ज़ोर से हॉर्न बजाकर उसका अभिवादन करतीं। फिर अचानक हमारे आगे चल रही गाइड कार में बैठा एक व्यक्ति रूफ़ से बाहर आकर सबको धीरे होकर चक्कर लगाने का इशारा करता है और सब हॉर्न बजाकर उसे बताते हैं कि वो इशारा समझ गए। शायद हम ही इकलौते ऐसे होंगे जिन्हें कुछ समझ नहीं आया। पर हम भी चलते रहे, सभी कारें एक चौराहे के चारों ओर बहुत धीरे-धीरे घूम रही हैं। लग रहा है जैसे क़तार से खड़ी हो रही हैं।
गाइड कार का चालक बाहर निकलकर आता है और स्पीकर पर बोलता है, “द लेडीज विल नाउ ज्वाइन अस।” देखते ही देखते कुछ ही मिनटों में वहाँ एक क़ाफ़िला और आया जिसमें सिर्फ़ महिला चालक थीं, उन्होंने अपनी कारों पर बैनर लगा रखे थे, विमन फ़ॉर ट्रम्प।
यह चकित कर देने वाला दृश्य था। अब तक डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा महिलाओं के लिए कहे गए बेहूदा और भद्दे बयान ही सुने थे, लेकिन आज महिलाओं को उनके समर्थन में उतरा देख हैरानी हुई।
जैसे ही क़रीब 20 कारें और जुड़ीं गाइड कार ने चलना शुरू किया। फिर कुछ और पोलिंग बूथों से गुज़रता हुआ यह हजूम आगे बढ़ने लगा, दो घंटों के इस शोरगुल से कान पक चुके थे पर यह देखना भी ज़रूरी था कि आख़िर यह क़ाफ़िला थमता कहाँ है।
आधा घंटा इंतजार करना पड़ा। फिर गाइड कार की छत से एक व्यक्ति बाहर निकलकर बोलता है, यह क़ाफ़िला वेलिंगटन में थमेगा।
सभी कारें उसके पीछे-पीछे, वेलिंगटन मॉल में प्रवेश करती हैं और एक मेक्सिकन रेस्टोरेंट के आसपास जाकर रुकती हैं। तभी गाइड कार का चालक माइक पर आकर सबका शुक्रिया करता है और विनी के लिए जोरदार तालियाँ बजाने को कहता है। हॉर्न और तालियों का शोर अचानक बढ़ जाता है और ‘ट्रम्प ट्रेन’ लिखी हुई बस की छत पर एक व्यक्ति बाहर निकलकर सबका अभिवादन करता है और सबको डिनर के लिए आमंत्रित करता है।
सभी लोग अलग-अलग ग्रुप में बैठने लगते हैं। चारों ओर हर्षोल्लास का माहौल है। मैं सीधे गाइड कार के चालक के पास जाकर अपना परिचय देता हूँ। उसका नाम कार्लोस है, वह यहीं एक मेसॉन (जो बिल्डिंग बनाते है) के तौर पर काम करता है और जब उसके पास समय होता है तब वह यहाँ कैम्पेन से जुड़ जाता है।
“आप यहीं रुको, मैं आपको पैट्रिक से मिलवाता हूँ, हमारे ग्रुप का लीडर वही है।” यह कहकर वह अपना खाना बीच में छोड़ पैट्रिक को ढूँढ़ने निकल जाता है। कुछ ही देर में कार्लोस, एक दुबले-पतले बड़ी दाढ़ी वाले व्यक्ति के साथ आता है। वह मेरा परिचय पैट्रिक से कराकर निकल जाता है।
पैट्रिक एक बिल्डर है। वह वेस्ट पालम बीच का निवासी है और रिपब्लिकन समर्थक है। वह कैम्पेन से एक साल से जुड़ा है और गर्व से बताता है कि वेलिंगटन और आसपास के इलाक़ों में उसने 2000 के क़रीब वालंटियर जोड़े हैं जो घर-घर जाकर ट्रम्प के लिए समर्थन माँगते हैं और कैम्पेन में मदद कर रहे हैं।
“पर अभी ट्रम्प फ़्लोरिडा में क़रीब 1 प्वाइंट पीछे चल रहे हैं बाइडन से?” मैंने कहा।
“आप आँकड़े छोड़ दीजिए, वे एकतरफ़ा तस्वीर ही दिखाते हैं। आप हमारे साथ चलें और देखिए, क्या अभी तक आपको कहीं भी बाइडन के समर्थन में ऐसा कुछ देखने को मिला। आप फ़्लोरिडा को ट्रम्प के खाते में डाल दीजिए, कुछ भी हो जाए वे यहाँ से जीतकर ही जाएँगे।” पैट्रिक बोला।
उसमें ग़ज़ब की ऊर्जा थी। हर कोई जो आसपास से निकल रहा था, वह उसका अभिवादन कर रहा था।
“आप जब ट्रम्प के लिए समर्थन माँगते हैं तो क्या कहते हैं लोगों से?” मैंने पूछा।
“हमें कैम्पेन से बुकलेट मिली है जिसमें लिखा है कि ट्रम्प ने अमेरिका को सही राह दिखाने के लिए क्या कुछ किया है। उस बुकलेट को हम घर-घर पहुँचाते हैं।”
उसे यह प्रश्न अच्छा नहीं लगा, वह असहज-सा दिखा। उसकी असहजता को भाँपते हुए मैंने पूछा, “क्या आप कोई भी तीन काम बता सकते हैं जो आपकी नज़र में राष्ट्रपति ट्रम्प ने अच्छे किए है?”
पैट्रिक एक पल के लिए रुक सा गया, “आपने मुझे ग़लत पकड़ लिया अचानक से।” वह बोला।
“आप अपना समय लीजिए।” मैंने कहा।
दो-तीन मिनट तक चुप रहने के बाद वह बोला, “उन्होंने वाल का काम शुरू किया, जेल सुधार के निर्णय लिये और चीन से सीधे टक्कर ली।”
“और कुछ?” मैंने पूछा।
“अभी तो इतना ही बता सकता हूँ, आप रुको, मैं आपको अपने लीडर विनी से मिलवाता हूँ, वह यह सब कुछ जानता है और आप उससे कुछ भी पूछ सकते हैं।”
इतना बोलकर पैट्रिक वहाँ से निकल गया।
पास की टेबल पर महिलाओं का समूह बैठा था, मैं उनकी तरफ़ गया और पूछा, “क्या मैं आप लोगों से बात कर सकता हूँ?”
उन्होंने एक की तरफ़ इशारा करके कहा, “यह बात कर सकती है।” मैंने अपना परिचय दिया तो महिला ने बताया कि उसका नाम वैलेंसिया नैटली है, वो इटैलियन-अमेरिकन है। उसकी दादी 1960 के दशक में न्यूयॉर्क आकर बस गई थीं। वे एक टीचर थीं।
वैलेंसिया एक सर्जिकल असिस्टेंट नर्स है और यहाँ के पब्लिक अस्पताल में काम करती है।
“आप ट्रम्प का समर्थन क्यों करती हैं।” मैंने उससे सीधा सवाल किया।
“उनके काम तारीफ़ के क़ाबिल हैं और वे अमेरिका को फिर से एक महान देश बनाने के लिए एक सच्चे राष्ट्रभक्त की तरह काम कर रहे हैं।” उसने कहा।
आपको उनका कौन-सा काम क़ाबिले तारीफ़ लगा।
“मैं एक नर्स हूँ, अभी महामारी के दौरान कई लोगों की नौकरी जा चुकी है, इस मुश्किल घड़ी में ट्रम्प ने यह तय किया कि सबके घर में पैसा पहुँचे जिससे कि हमारा घर चल सके। मैं एक अकेली माँ हूँ, मेरे पास कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी है, पर मेरी बिल्डिंग में कई लोग ऐसे भी हैं जिनकी नौकरी जा चुकी है, ट्रम्प ने उन्हें बेरोज़गारी भत्ता देकर उन सबको जीवनदान दिया है। 12 वर्ष पहले जब ओबामा राष्ट्रपति बने थे, तब रिसेशन आया था और तब भी लोगों की नौकरियाँ जा रही थीं। मेरा बेटा एक वर्ष का था, और तब जब मेरी नौकरी गई तो हमें कई दिन कार में रहना पड़ा क्योंकि किराया देने के पैसे भी नहीं थे हमारे पास। पर ट्रम्प सरकार ने यह तय किया कि सभी के पास जीवित रहने के लिए जरूरी साधन लेने लायक़ पैसे पहुँचें।” उन्होंने एक ही साँस में कहा।
“क्या ट्रम्प ने इस हालात को ठीक से सँभाला है? आप एक नर्स के तौर पर कैसे आकलन करती हैं?”
“देखिए, सरकार जितना भी कर सकती थी उसने किया, अभी तक दुनिया में कहीं भी इस बीमारी का कोई भी इलाज नहीं निकला है, ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ अमेरिका में ही इलाज नहीं है।” वैलेंसिया ने कहा।
“एक बात और, ट्रम्प ने गैरकानूनी इमिग्रेशन पर कड़ा रुख अपनाया है। यह अच्छी बात है, मुझे एक नर्स के तौर पर 22 डॉलर प्रति घंटा मिलता है, जो इमिग्रेंट्स गलत तरीके से यहाँ आते हैं वो मुझसे 14 डॉलर कम में एक घंटा काम करने को राजी हो जाते हैं। मेरे जैसे कई और लोगों को उनसे मुक़ाबला करना पड़ता है और ट्रम्प यह निश्चित करना चाहते हैं कि मेरे जैसे लोगों का हक़ न मारा जाए।” उसने कहा।
वैलेंसिया ने यह भी कहा कि अमेरिका इमिग्रेंट्स का देश है। 60 साल पहले मेरी दादी भी यहाँ इमिग्रेंट थीं। पर वे क़ानूनी तरीके से यहाँ आईं, इस देश को अपनाया और अब हमारा पूरा परिवार यहाँ सालों से रह रहा है। हम यहीं पैदा हुए हैं। परन्तु तब भी जो लोग ग़लत तारीके से आते थे उन्हें सरकार बाहर का रास्ता दिखाती थी। लेकिन आज जब ट्रम्प यही कर रहे हैं तो इतना हो-हल्ला हो रहा है।
तभी पैट्रिक, विनी को लेकर पहुँच गया, “अब आप इससे जो भी पूछना चाहें पूछें।” यह कहकर वह निकल गया।
वैलेंसिया ने जाते हुए कहा, “ट्रम्प मेरे लिए बड़े भाई जैसे हैं और मैं उनके लिए जो बन सकेगा करूँगी।”
“काफ़ी उत्साहित हैं ये सब लोग।” मैंने बात शुरू करते हुए कहा।
“यह अच्छी बात है हमारे लिए।” विनी बोला। अपना परिचय देते हुए उसने बताया कि वह एक पायलट है, जब 2016 के चुनाव होने थे, तब उपराष्ट्रपति माइक पेन्स का हवाई जहाज वही उड़ाता था। इसी तरह वह ट्रम्प कैम्पेन से जुड़ा, और जब इस बार चुनाव आया तो पेन्स के ऑफ़िस ने उसे कॉल करके वेस्ट पालम बीच, फ़्लोरिडा में कैम्पेन को ग्राउंड पर चलाने की जिम्मेदारी सौंपी।
“आपको क्या लगता है, फ़्लोरिडा के वोटर किन मुद्दों पर वोट करेंगे?”
“यहाँ मुद्दे कोई अलग नहीं हैं। अर्थव्यवस्था, नौकरियाँ और कोविड को लेकर आम जन की भावनाएँ। मुख्य तौर पर यही चीजें यहाँ का मुद्दा रहेंगी। आप तो अमेरिका घूम रहे हैं, कोई और मुद्दा दिखा?” उसने जवाब में सवाल पूछा।
“अभी तक के आँकड़ों में राष्ट्रपति पिछड़ रहे हैं। सभी जगहों पर, फ़्लोरिडा में भी पीछे हैं।” मैंने कहा।
“देखिए, अभी चुनाव अपने चरम पर पहुँच रहा है। डेमोक्रेट्स ज़्यादातर जल्दी वोट करते हैं और मेल से भी वोटिंग करते हैं, तो अभी अगर आपको बाइडन आगे दिखें तो अचरज नहीं। पिछली बार हिलरी भी आगे चल रही थीं, पर जैसे ही इलेक्शन डे पर रिपब्लिकन समर्थकों का लाल सैलाब उमड़ा, सारा चुनाव बदल गया। हमें उम्मीद है इस बार भी ऐसा ही होगा। फ़्लोरिडा पर तो मैं शर्त लगा सकता हूँ।” विनी बोला।
आमतौर पर अमेरिका में 57 से 60 प्रतिशत वोटिंग होती है पर इस बार यह आँकड़ा 70 प्रतिशत हो जाने की सम्भावना है।
“आप किस भूमिका में काम करते हैं कैम्पेन के साथ?” मैंने पूछा।
“मैं ट्रम्प ट्रेन राइडर्स नाम का ग्रुप संचालित करता हूँ। हम फ़ेसबुक पर हैं, इस ग्रुप के साथ कई वालंटियर भी जुड़े हैं। जितने भी ट्रम्प समर्थक यहाँ वेस्ट पालम बीच में हैं हम उनसे जुड़े हुए हैं, और वे कोई भी एक्टिविटी करें हम उनका समर्थन करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि वह आयोजन सफल रहे। हमारे लोगों से कोई भी समर्थक छोटे या बड़े इवेंट के लिए मदद माँग सकता है। जैसे आज का यह मोबाइल कारवाँ ही देखिए। यह पैट्रिक का आइडिया था कि कारों की रैली निकाली जाए, उसके और उसके दोस्तों के पास क़रीब 50 कारों और इतनी ही मोटरसाइकिल का इंतज़ाम था और वह राष्ट्रपति जब वोट डालने जाए तो उनके क़ाफ़िले के साथ अपने दोस्तों को जोड़कर उनका समर्थन करना चाहता था। जब हमें इसके बारे में उसने ग्रुप में सूचना दी तो मैंने औरों से पूछा कि कौन-कौन इसमें शामिल हो सकता है। कुछ ही घंटों में हमारे पास क़रीब 150 कार और 50 बाइक और जुड़ गईं। 100 वाहनों की राइड आज 300 वाहनों की रैली बन गई। हमने पैट्रिक को ये बातें बताई, फिर कार्लोस को रूट की ज़िम्मेदारी दी, उसने सभी से टाइम साझा कर रूट बनाया और आज हम क्ररीब-क़रीब 1000 लोग इसका हिस्सा बने। हमें कुछ लोकल राजनेताओं ने भी समर्थन दिया और सभी का हौसला बढ़ाया।”
“क्या आप लोग सिर्फ़ राइड्स करते हैं? कोई भाषण-वाषण नहीं?”
“नहीं। यह फ़न राइड्ज होती है। आप देखो, इस पूरे मॉल में अभी करीब 1000 समर्थक जुटे हैं, सब अलग-अलग ग्रुप्स में हैं और हमारे साथी उनके बीच में हैं उनसे मुद्दों पर बात कर रहे हैं, व्हाट्सएप्प पर सूचना साझा कर रहे हैं। हम यह फ़ीडबैक कोर टीम से साझा करेंगे और उसके मुताबिक़ हमारी एक्शन फ़ोर्स आगे की रणनीति बनाएगी।” विनी ने समझाया।
“इस चुनाव में मेल बैलेट को लेकर भी विवाद हो रहा है, आपको क्या लगता है कि मेल बैलेट कितना प्रभाव डालेंगे नतीजों पर।” मैंने पूछा।
आपको यह समझना होगा कि दो तरह के पोस्टल बैलेट होते हैं। एक एब्सेंटी बैलेट, जहाँ आप चुनाव अधिकारी को लिखकर बताते हैं कि आप इलेक्शन डे या अर्ली वोटिंग के दौरान उपलब्ध नहीं हैं और पोस्ट से अपना बैलेट मँगवाते हैं। इस तरह चुनाव अधिकारी आपके लिए एक वैध बैलेट भेजता है और आप अपने मताधिकार का प्रयोग करते हैं। फिर दूसरा है मेल इन बैलेट, जो कि चुनाव अधिकारी सभी को उनके पते पर स्वयं भेजता है। अब इसमें कई पेच हैं, कई ऐसे पते हैं, जहाँ वे रहते ही नहीं जिनके लिए बैलेट भेजा गया है। कई लोगों के पते बदल गए, फिर भी उनके वहाँ वैलेट पहुँच रहे हैं। इस तरह हज़ारों ऐसे लोग हैं जो उस पते पर नहीं रहते जहाँ उनका बैलेट भेजा गया। अब आप क्या इन मतों को वैध मानेंगे?
“राष्ट्रपति ट्रम्प इन्हीं दूसरे मतों के बारे में अपने समर्थकों को चेता रहे हैं और माँग कर रहे हैं कि इन पर लगाम लगे।” विनी ने अपना पक्ष रखा।
“पर ब्रेनन सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार मेल बैलेट में धाँधली होने की आशंका मात्र .0003 प्रतिशत है।”
“ऐसा आप सोचते या मानते हैं, हम नहीं। और इसी कारण हम अपने समर्थकों को कह रहे हैं कि आप ज्यादा से ज्यादा तादाद में निकलकर बूथ पर जाएँ और अपना वोट डालें। एक बात और, आपके सवालों का जवाब भी उन रिसॉर्स पर निर्भर करता है जिनका आपने इस्तेमाल किया है।” विनी ने कहा।
तभी पैट्रिक आया और उसने विनी के कान में कुछ कहा।
“मुझे अभी चलना होगा, हमें यहाँ के स्नैक्स का बिल भरना है और फिर मीटिंग के लिए रवाना होना है। आपको फ़्लोरिडा में कोई भी ज़रूरत हो तो मुझे कॉल कर सकते हैं।” विनी ने अलविदा कहा।
हम तीनों भी कुछ खाने के लिए वहीं बैठ गए। कुछ ही पलों में वहाँ से सब निकल चुके थे, हमने खाना खाकर जब अपना बिल भरा तो मैंने बैरे से पूछा, “जो लोग अभी यहाँ से निकले उन्होंने कितने का बिल भरा होगा।”
“मुझे पूरा-पूरा तो नहीं पता पर क़रीब 3000 डॉलर तो लगे ही होंगे।” बैरे ने कहा। मैंने विनी की तस्वीर दिखाकर पूछा, “क्या इसने पूरा बिल भरा था?” बैरे ने हामी भरी और निकल गया।
रैली भले ही आधुनिक रही हो, पर ख़र्चे यहाँ भी अपने चुनावों की तरह ही होते हैं।
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