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Posted: June 25, 2024
आपातकाल लगाने के पीछे क्या थे तात्कालिक कारण?
1975 में लगाए गए राष्ट्रीय आपातकाल को आज 50 साल हो गए हैं। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, सुदीप ठाकुर की किताब ‘दस साल : जिनसे देश की सियासत बदल गई’ के कुछ अंश जिसमें उन कारणों की चर्चा की गई है जो तात्कालिक रूप से आपातकाल लगाने की वजह बने।Read more -
‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ की सूत्रधार मेधा पाटेकर पिछले करीब एक हफ्ते से सरदार सरोवर परियोजना के डूब प्रभावित लोगों के पुनर्वास और उनकी मूलभूत सुविधाओं के लिए अनशन पर हैं। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, नन्दिनी ओझा की किताब ‘संघर्ष नर्मदा’ के कुछ अंश जिसमें इस आंदोलन के मुख्य कार्यकर्ता रहे केशवभाई वसावे के साथ लेखक की बातचीत है।Read more
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शाकाहार और माँसाहार की बहस इन दिनों राजनीतिक चर्चाओं, भाषणों और विवादों के केंद्र में है। जाहिर है, ऐसे में हमारे मन में यह सवाल उठ सकता है कि क्या इन दोनों में से किसी एक भोजन पद्धति को अपनाया जा सकता है? राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, खानपान की भारतीय संस्कृति पर आधारित लेखों के संकलन ‘सतरंगी दस्तरख़्वान’ का एक लेख जिसमें लेखक-पत्रकार आशुतोष भारद्वाज ने ऐतिहासिक और पौराणिक उदाहरणों से इसी सवाल का जबाव ढूँढ़ने की कोशिश की है।Read more
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राजकमल प्रकाशन समूह की वेबसाइट पर 21 से 30 जून, 2024 तक ऑनलाइन बुक फेयर का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान वेबसाइट पर उपलब्ध समूह की सभी किताबों पर पाठकों को आकर्षक छूट मिलेगी।Read more
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, बकरीद के दिन एक परिवार द्वारा अपने अजीज बकरे की कुर्बानी देने की कहानी—क़ुर्बान। यह कहानी शहादत के कहानी संग्रह ‘कर्फ़्यू की रात’ में संकलित है।Read more