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जानेमाने लेखक-पत्रकार रामशरण जोशी ने हाल ही में अपनी देह दिल्ली-एम्स को वैज्ञानिक शोध और प्रशिक्षण के लिए दान कर दी है। हालांकि, देहदान करने की इच्छा वे अपनी आत्मकथा ‘मैं बोनसाई अपने समय का’ में कुछ वर्ष पहले ही व्यक्त कर चुके हैं। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनकी आत्मकथा का एक अंश।
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मिर्ज़ा ग़ालिब ने 1857 के आन्दोलन के सम्बन्ध में अपनी जो रूदाद लिखी है, उसे उन्होंने लगभग डायरी की शक्ल में प्रस्तुत किया है। फ़ारसी भाषा में लिखी गई इस छोटी-सी किताब का नाम है—‘दस्तंबू’। इसमें ग़ालिब के निजी जीवन की वेदना भी भरी हुई है। आज ग़ालिब की जयन्ती पर राजकमल ब्लॉग में प्रस्तुत है, इस डायरी का एक अंश।
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प्रेमचंद की कथा-परम्परा को विकसित करनेवाले कथाकार यशपाल की आज पुण्यतिथि है। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें उनकी चर्चित कहानी—अख़बार में नाम। यह कहानी उनकी ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’ में संकलित है।Read more
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, साहित्य अकादेमी पुरस्कार-2024 से सम्मानित कवि गगन गिल के संस्मरणों की किताब ‘इत्यादि’ पर कथाकार अलका सरावगी की टिप्पणी।
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Posted: December 19, 2024Categories: प्रेस विज्ञप्ति
गगन गिल ने हिन्दी कविता को नया स्वर, नया आयाम दिया है
गगन गिल ने हिन्दी कविता को नया स्वर, नया आयाम दिया है। उन्हें साहित्य अकादेमी पुरस्कार दिया जाना उनके इस योगदान का रेखांकन है। इस पुरस्कार के लिए उनके चयन से हमें अत्यन्त प्रसन्नता है और हम उन्हें बधाई देते हैं।Read more