Back to Top
-
Posted: September 11, 2024
मुक्तिबोध और महादेवी वर्मा के विचारों का आईना
आज हिन्दी साहित्य के दो दिग्गजों— गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ और महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, ‘विचार का आईना’ शृंखला के अन्तर्गत प्रकाशित उनकी पुस्तकों से ऐसे अंश जो वर्तमान समय में भी अत्यंत प्रासंगिक और विचारणीय हैं। यहाँ हमने जिन अंशों को चुना है उनमें मुक्तिबोध ने ‘जनता के साहित्य’ को अपने शब्दों में परिभाषित किया है और महादेवी वर्मा ने ‘स्त्रियों की आर्थिक स्वतंत्रता’ के संबन्ध में अपने विचार व्यक्त किए हैं। लोकभारती प्रकाशन की विशेष परियोजना ‘विचार का आईना’ शृंखला के अन्तर्गत प्रकाशित पुस्तकों में विभिन्न साहित्यकारों, चिन्तकों और राजनेताओं के ‘कला साहित्य संस्कृति’ केन्द्रित चिन्तन को सार रूप में प्रस्तुत किया गया है।Read more -
महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, 'विचार का आईना' शृंखला में उन पर एकाग्र पुस्तक की समीक्षा। इसमें उनके कला, साहित्य और संस्कृति के बारे में विचारों पर दृष्टि डालने का प्रयास किया गया है।