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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, परकाला प्रभाकर की किताब ‘नये भारत की दीमक लगी शहतीरें : संकटग्रस्त गणराज्य पर आलेख’ का एक अंश, जिसमें उन्होंने देश में बढ़ती गरीबी और सरकार द्वारा उसके आंकड़ों को छुपाने के खेल पर चर्चा की है।Read more
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पूर्व-प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, रशीद किदवई की किताब ‘भारत के प्रधानमंत्री’ का एक अंश, जिसमें राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने से लेकर उनकी हत्या तक देश के राजनीतिक घटनाक्रम का संक्षिप्त वर्णन किया गया है।Read more
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, हिन्दी के मूर्धन्य व्यंग्य शिल्पी शरद जोशी के राजनीतिक व्यंग्यों के संकलन ‘वोट ले दरिया में डाल’ से एक व्यंग्य। इसमें उन्होंने राजनीति की कई अलग-अलग परिभाषाएँ यह समझाया है कि राजनीति की दरअसल क्या होती है?Read more
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, धवल कुलकर्णी की किताब ‘ठाकरे भाऊ’ का एक अंश, जिसमें महाराष्ट्र की राजनीति में राज ठाकरे और उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रभाव के बारे में चर्चा की गई है। इस किताब के जरिए लेखक ने इन दोनों भाइयों के राजनीतिक उतार-चढ़ाव और पहचान की महाराष्ट्रीय राजनीति का विश्लेषण प्रस्तुत किया है।Read more
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मंगलेश डबराल की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनके नवीनतम कविता संग्रह ‘पानी का पत्थर’ से कुछ कविताएँ। यह संग्रह उनके जाने के बाद संकलित किया गया है। जो कविताएँ इसमें शामिल हैं उनमें कई कविताएँ ऐसी हैं जिन पर वे अभी काम कर रहे थे, और कुछ शायद ऐसी जो पहली कौंध में अभी उतारना शुरू ही हुई थीं, जिन्हें वे अभी और विस्तार देते, लेकिन अपने मौजूदा स्वरूप में भी उन्हें सम्पूर्ण कहा जा सकता है।Read more