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नए वर्ष की शुभकामनाओं के साथ राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई का व्यंग्य— ‘नया साल’। यह व्यंग्य ‘परसाई रचनावली’ भाग-5 में संकलित है।
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, हिन्दी के मूर्धन्य व्यंग्य शिल्पी शरद जोशी के राजनीतिक व्यंग्यों के संकलन ‘वोट ले दरिया में डाल’ से एक व्यंग्य। इसमें उन्होंने राजनीति की कई अलग-अलग परिभाषाएँ यह समझाया है कि राजनीति की दरअसल क्या होती है?Read more
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, मनोहर श्याम जोशी के प्रतिनिधि व्यंग्य से उनका एक व्यंग्य― जिस देश में जीनियस बसते हैंRead more