Back to Top
-
Posted: October 25, 2024Categories: खास अंश
कोरे काग़ज़ की दास्तान
मशहूर गीतकार साहिर लुधियानवी की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, ‘साहिर समग्र’ में संकलित उनकी नज़्मों के पहले संग्रह ‘तल्ख़ियाँ’ के एक संस्करण के लिए अमृता प्रीतम की लिखी भूमिका : कोरे काग़ज़ की दास्तानRead more -
निर्मल वर्मा हिन्दी के उन गिने-चुने साहित्यकारों में से हैं जिन्हें अपने जीवनकाल में ही अपनी कृतियों को क्लासिक बनते देखने का दुर्लभ सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उनके गद्य को पढ़ते हुए अपनी ही भाषा की सम्प्रेषणीयता हमें चकित कर देती है। इस अनूठे लेखक ने 25 अक्टूबर के दिन इस दुनिया से विदा ली। उनकी पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में उनके कथा-साहित्य का एक संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत है।Read more
-
राजकमल प्रकाशन समूह की सालाना दीपावली सेल ‘किताबतेरस’ 18 अक्टूबर यानी आज से शुरु हो गई है। इस बार किताबतेरस के मुख्य आकर्षण और ऑफर्स की जानकारी के लिए पढ़ें यह ख़ास ब्लॉग।Read more
-
Posted: October 08, 2024
जेपी : एक दुविधाग्रस्त क्रान्तिकारी
जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, प्रोफ़ेसर ज्ञान प्रकाश की किताब ‘आपातकाल आख्यान : इन्दिरा गांधी और लोकतंत्र की अग्निपरीक्षा’ का एक अंश जिसमें 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ़्तारी और जेल के दिनों का वर्णन है।Read more -
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, कथाकार वन्दना राग द्वारा पाठकों के लिए सुझायी गई हृषीकेश सुलभ की कहानी—‘खुला।’ यह कहानी ‘वसंत के हत्यारे’ संग्रह में संकलित है।Read more