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Posted: October 25, 2024Categories: खास अंश
कोरे काग़ज़ की दास्तान
मशहूर गीतकार साहिर लुधियानवी की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, ‘साहिर समग्र’ में संकलित उनकी नज़्मों के पहले संग्रह ‘तल्ख़ियाँ’ के एक संस्करण के लिए अमृता प्रीतम की लिखी भूमिका : कोरे काग़ज़ की दास्तानRead more -
इमरोज़ साहब ने पिछले दिनों दुनिया को अलविदा कह दिया पर वे अपने पी़छे उनको याद करते रहने की अनेक वजहें छोड़ गए हैं। अपने अनूठे चित्रों की बदौलत वे हमारी स्मृतियों में हमेशा बने रहेंगे। साहित्यिक दुनिया में अमृता-इमरोज़ का प्रेम सम्बन्ध अत्यन्त चर्चित रहा है। लगभग मिथकीय गरिमा हासिल कर चुके इस प्रेम सम्बन्ध को युवा कलाकार कुनाल हृदय ने अपने नाटक ‘इमरोज़’ में एक नई निगाह से देखते हुए प्रासंगिक ढ़ंग से प्रस्तुत किया है। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, हाल ही में प्रकाशित इस नाटक का एक अंश।