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राजकमल ब्लॉग के इस अंक में पढ़ें, ममता कालिया के कहानी संग्रह 'पचीस साल की लड़की' से उनकी कहानी 'एक अकेला दुख।’
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, आशा प्रभात के उपन्यास 'मैं जनक नंदिनी' का एक अंश। इस उपन्यास में सीता जी के जीवन और विचारों को मानवीय दृष्टि से समझने की कोशिश की गई है...
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"कभी-कभी नैना सूरज की किरणों के सामने अपनी आँखें मूँदकर बैठ जाती है। कभी अपलक दुनिया की गतिविधियों को देखती रहती है। असल में वह आँखों से सब कुछ देखते हुए भी कुछ भी नहीं देख रही होती।"
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, ममता सिंह के कहानी संग्रह 'किरकिरी' से उनकी कहानी 'चांदी का वर्क़'।
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"शायद हर आदमी की ही कोई एक ऐसी प्रेमिका होती है, जिसे वह हासिल नहीं कर पाता। मजबूरियाँ, दुःख, और फिर अजनबियों के बीच बैठकर वह उसकी बात करता है।" राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, मंज़ूर एहतेशाम की कहानी 'लौटते हुए'।
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क्या था जनता पार्टी की सरकार द्वारा इंदिरा गांधी का सरकारी आवास खाली करवाने का मामला? राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, पूर्व-प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की आत्मकथा 'जीवन जैसा जिया' का एक अंश।