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कमलेश्वर की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनके उपन्यास ‘लौटे हुए मुसाफिर’ का एक अंश। वर्ष 1961 में प्रकाशित इस उपन्यास में स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ गम्भीर रूप धारण करती साम्प्रदायिकता की समस्या और भारत विभाजन के नाम पर बेघर-बार हुए मुस्लिम समाज के मोहभंग और उनकी वापसी की विवशता को दर्शाया गया है।Read more
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Posted: December 07, 2023
पुस्तक अंश : इंतजार हुसैन का उपन्यास 'बस्ती'
राजकमल ब्लॉग में आज पढ़ें, पाकिस्तान के शीर्षस्थ कथाकार इंतिजार हुसैन के उपन्यास ‘बस्ती’ का एक अंश। विभाजन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया यह उपन्यास मानवीय संवेदनाओं का एक महाआख्यान है। इस उपन्यास के लिए लेखक को पाकिस्तान के सबसे बड़े पुरस्कार ‘आदमजी एवार्ड’ से सम्मानित किया गया, जिसे उन्होंने वापस कर दिया।