Back to Top
-
Posted: September 11, 2024
मुक्तिबोध और महादेवी वर्मा के विचारों का आईना
आज हिन्दी साहित्य के दो दिग्गजों— गजानन माधव ‘मुक्तिबोध’ और महादेवी वर्मा की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, ‘विचार का आईना’ शृंखला के अन्तर्गत प्रकाशित उनकी पुस्तकों से ऐसे अंश जो वर्तमान समय में भी अत्यंत प्रासंगिक और विचारणीय हैं। यहाँ हमने जिन अंशों को चुना है उनमें मुक्तिबोध ने ‘जनता के साहित्य’ को अपने शब्दों में परिभाषित किया है और महादेवी वर्मा ने ‘स्त्रियों की आर्थिक स्वतंत्रता’ के संबन्ध में अपने विचार व्यक्त किए हैं। लोकभारती प्रकाशन की विशेष परियोजना ‘विचार का आईना’ शृंखला के अन्तर्गत प्रकाशित पुस्तकों में विभिन्न साहित्यकारों, चिन्तकों और राजनेताओं के ‘कला साहित्य संस्कृति’ केन्द्रित चिन्तन को सार रूप में प्रस्तुत किया गया है।Read more -
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें उनके कविता संग्रहों— ‘बीच का रास्ता नहीं होता’ और ‘समय ओ भाई समय’ में संकलित चुनिंदा कविताएँ। ‘पाश’ की कविताओं का पंजाबी से हिन्दी में अनुवाद और इन संग्रहों का सम्पादन प्रो. चमन लाल ने किया है।Read more
-
शिक्षक दिवस पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था का बेहद करीबी और आँखों देखा हाल बताती एस. गिरिधर की किताब ‘साधारण लोग असाधारण शिक्षक’ का एक अंश। यह किताब पिछड़े इलाकों और वंचित तबकों के बीच सरकारी स्कूलों का महत्व बताने के साथ उस माहौल और परिवेश का प्रामाणिक वर्णन करती है जिसमें सरकारी स्कूलों के शिक्षक काम करते हैं।Read more
-
Posted: September 01, 2024
राही मासूम रज़ा के उपन्यास ‘आधा गाँव’ का अंश
राही मासूम रज़ा की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनके उपन्यास ‘आधा गाँव’ का एक अंश। यह संभवत: हिन्दी का पहला ऐसा उपन्यास है जो शिया मुसलमानों के ग्रामीण जीवन का यथार्थ सामने लाता है।Read more -
Posted: August 29, 2024
खेलों में भारत के स्वर्णिम पल
राष्ट्रीय खेल दिवस पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, कनिष्क पाण्डेय की किताब ‘खेलों में भारत के स्वर्णिम पल’ से कुछ ऐसे पलों के बारे में जब खेल स्पर्धाओं में हमारे खिलाड़ियों ने देश का गौरव बढ़ाया।Read more -
Posted: August 26, 2024
श्रीकृष्ण जन्म की कथा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, वीरेन्द्र सारंग के उपन्यास ‘जननायक कृष्ण’ का एक अंश जिसमें श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंग का रोचक वर्णन है।Read more -
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, ज्ञान प्रकाश की किताब ‘आपातकाल आख्यान : इन्दिरा गांधी और लोकतंत्र की अग्निपरीक्षा’ का एक अंश जिसमें आपातकाल लगने से ठीक पहले देश में घट रही अनेक घटनाओं का वर्णन है।Read more
-
आदिवासी दिवस पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, जल-जंगल-जमीन से जुड़ी वंदना टेटे, जसिंता केरकेट्टा, अनुज लुगुन, राही डूमरचीर और पार्वती तिर्की की कुछ कविताएँ…Read more
-
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, धार्मिक कट्टरपंथ का विरोध करने पर बांग्लादेश से निष्कासित लेखक तसलीमा नसरीन के उपन्यास ‘बेशरम’ का एक अंश जिसमें बांग्लादेश से विस्थापित एक हिन्दू लड़की की दर्दनाक कहानी है। इस उपन्यास में लेखक के बहुचर्चित उपन्यास ‘लज्जा’ के आगे की कहानी है जिसमें उन्होंने साम्प्रदायिक उन्माद और अत्याचारों के चलते विस्थापित हुए लोगों की अपनी जन्मभूमि, अपना घर छोड़कर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जीवन बिताने की मजबूरी और उनकी परिस्थितियों का बेहद मार्मिक वर्णन किया है।