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Posted: July 23, 2024
पैंगोंग झील का वह दुर्गम इलाका जहाँ चीन कर रहा है अनधिकृत निर्माण
लद्दाख में भारत और तिब्बत की सीमा पर स्थित पैंगोंग झील के आसपास चीन के अनधिकृत निर्माण कार्यों से यह अक्सर चर्चा में रहती है। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, प्रबोधकुमार सान्याल के यात्रा-वृत्तान्त ‘उत्तर हिमालय चरित’ का एक अंश जिसमें इस इलाके की भौगोलिक स्थिति को समझाया गया है।Read more -
ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता ‘ठाकुर का कुआँ’ एक बार फिर राजनीतिक कारणों से चर्चा में है। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनकी ‘सम्पूर्ण कविताएँ’ संग्रह से कुछ कविताएँ जो इसी तरह समाज की क्रूर जातिवादी सच्चाई को उजागर करने के साथ ही सामाजिक असमानता पर कड़े प्रहार करती है।Read more
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Posted: July 13, 2024
संवैधानिक सेक्युलरिज्म को दरकिनार किया जाना किसकी विफलता है?
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, राजीव भार्गव की किताब ‘राष्ट्र और नैतिकता : नए भारत से उठते 100 सवाल’ का एक अंश, जिसमें लेखक ने बताया है कि संवैधानिक सेक्यूलरवाद क्या है और इसे दरकिनार किए जाने से देश और समाज को किस तरह से हानि हो रही है। इस किताब में उन्होंने वर्तमान राजनीतिक-सामाजिक परिदृश्य से जुडे़ ऐसे ही अनेक सवालों को आसान शब्दों में समझाया है।Read more -
Posted: July 11, 2024
भीष्म साहनी के उपन्यास ‘तमस’ का अंश
भीष्म साहनी की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित उनके उपन्यास ‘तमस’ का एक अंश। सांप्रदायिक दंगों की पृष्ठभूमि में लिखे गए इस उपन्यास को हिन्दी में कालजयी रचना का दर्जा प्राप्त है।Read more -
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, नासिरा शर्मा की लिखी कहानी— ‘नये रंग की गंध’। यह कहानी उनके कहानी संग्रह ‘सुनहरी उँगलियाँ’ में संकलित है।Read more
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साहित्य अकादेमी से पुरस्कार से सम्मानित कथाकार संजीव के जन्मदिन पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, कोरोना काल के भयावह समय में इंसानियत की अद्भुत मिसाल पेश करती कहानी— ‘यह दुनिया अब भी सुंदर है’। यह कहानी इसी वर्ष प्रकाशित उनके कहानी संग्रह ‘प्रार्थना’ में संकलित है।Read more
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अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखक अरुंधति रॉय को ‘निर्भीक और मुखर’ लेखन के लिए प्रतिष्ठित पेन पिंटर पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार इंग्लैंड की पेन संस्था द्वारा नोबेल पुरस्कार से सम्मानित नाटककार हेरोल्ड पिंटर की स्मृति में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए दिया जाता है। राजकमल ब्लॉग के इस विशेष अंक में जानें, अपने दमदार और बेजाेड़ लेखन से दुनियाभर में अपना लोहा मनवाने वाली लेखक अंरुधति रॉय की किताबों की विषयवस्तु क्या है?Read more
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Posted: June 25, 2024
आपातकाल लगाने के पीछे क्या थे तात्कालिक कारण?
1975 में लगाए गए राष्ट्रीय आपातकाल को आज 50 साल हो गए हैं। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, सुदीप ठाकुर की किताब ‘दस साल : जिनसे देश की सियासत बदल गई’ के कुछ अंश जिसमें उन कारणों की चर्चा की गई है जो तात्कालिक रूप से आपातकाल लगाने की वजह बने।Read more -
‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ की सूत्रधार मेधा पाटेकर पिछले करीब एक हफ्ते से सरदार सरोवर परियोजना के डूब प्रभावित लोगों के पुनर्वास और उनकी मूलभूत सुविधाओं के लिए अनशन पर हैं। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, नन्दिनी ओझा की किताब ‘संघर्ष नर्मदा’ के कुछ अंश जिसमें इस आंदोलन के मुख्य कार्यकर्ता रहे केशवभाई वसावे के साथ लेखक की बातचीत है।Read more