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सूर्यबाला के उपन्यास ‘मेरे संधि पत्र’ पर विभा रानी की टिप्पणी
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Posted: January 13, 2025
उसने गांधी को क्यों मारा
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, अशोक कुमार पांडेय की किताब ‘उसने गांधी को क्यों मारा’ का एक अंश
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रंजन बंद्योपाध्याय के उपन्यास 'मैं रवीन्द्रनाथ की पत्नी : मृणालिनी की गोपन आत्मकथा' की समीक्षा
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अनामिका के उपन्यास ‘आईना साज़’ की समीक्षा
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अनुपम सिंह के कविता संग्रह ‘मैंने गढ़ा है अपना पुरुष’ की समीक्षा
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अली अनवर की किताब ‘सम्पूर्ण दलित आन्दोलन : पसमान्दा तसव्वुर’ की समीक्षा
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Posted: January 02, 2025
कौन था जो मार दिया गया
सफ़दर हाशमी की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, हबीब तनवीर का लेख—कौन था जो मार दिया गया। यह लेख ‘सफ़दर हाशमी का व्यक्तित्व और कृतित्व’ किताब में संकलित है।
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नए वर्ष की शुभकामनाओं के साथ राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई का व्यंग्य— ‘नया साल’। यह व्यंग्य ‘परसाई रचनावली’ भाग-5 में संकलित है।
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जानेमाने लेखक-पत्रकार रामशरण जोशी ने हाल ही में अपनी देह दिल्ली-एम्स को वैज्ञानिक शोध और प्रशिक्षण के लिए दान कर दी है। हालांकि, देहदान करने की इच्छा वे अपनी आत्मकथा ‘मैं बोनसाई अपने समय का’ में कुछ वर्ष पहले ही व्यक्त कर चुके हैं। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनकी आत्मकथा का एक अंश।