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22 मई 1987 की आधी रात ग़ाज़ियाबाद शहर से सिर्फ़ पन्द्रह-बीस किलोमीटर दूर मकनपुर गाँव की नहर की नीम अँधेरी पुलिया पर स्तब्ध खड़ा मैं स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े हिरासती हत्याकांड का गवाह बना था। सामने मद्धम गति से दिल्ली की ओर बहता हुआ गंदला पानी था, जो किनारे उगी सरकंडे की घनी झाड़ियों से टकरा कर टूट-टूट जा रहा था और पानी तथा सरकंडों के गुंजलकों में कुछ इंसानी लाशें थीं, जिनके ज़ख़्मों से तब भी ख़ून टपक रहा था। सब कुछ इतना अविश्वसनीय और लोमहर्षक था कि उस घटना-स्थल पर मिले एकमात्र जीवित बाबूदीन के दिए गए विवरण प्रारंभ में हमें किसी रहस्यलोक की प्रेतगाथा की तरह लगे। अगले कुछ घंटों तक हमने उसके बयान, घटना-स्थल से मिले सबूतों और मुरादनगर क़स्बे के दूसरे घटनास्थल गंग नहर से हासिल जानकारियों को जब टुकड़े-टुकड़े कर के जोड़ा तो हमारे सामने भारतीय राज्य और अल्पसंख्यकों के आपसी रिश्तों को परिभाषित करने वाली और किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर देने वाली एक ऐसी अपराध कथा उद्घाटित हुई, जो किसी भी धर्मनिरपेक्ष समाज के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती थी। उस रात मैंने दो फ़ैसले किए—पहला, एक पुलिस अधिकारी
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डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में प्रस्तुत है— प्रोफ़ेसर एस. इरफ़ान हबीब द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘भारतीय राष्ट्रवाद : एक अनिवार्य पाठ’ का एक अंश जिसमें डॉ. भीमराव आंबेडकर के राष्ट्रीयता और राष्ट्रवाद से संबंधित विचारों को व्यक्त किया गया है।Read more
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संविधान दिवस पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, संविधानविद् अनूप बरनवाल 'देशबन्धु' की नवीनतम कृति 'भारतीय संविधान की निर्माण-यात्रा' का एक अंश, जिसमें संविधान पारित होने के ठीक पहले की महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन है।Read more
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‘उम्मीदों के गीतकार शैलेन्द्र’ किताब शैलेन्द्र के गीतों और उनकी रचनात्मकता के बारे में गहराई से विचार करती है। यह किताब केवल शैलेन्द्र के गीतों और उनकी कला को नहीं, बल्कि उनके गीतों के माध्यम से फ़िल्मों की संरचना और कथा को भी एक नए दृष्टिकोण से देखती और दिखाती है।Read more
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Posted: November 22, 2024Categories: प्रेस विज्ञप्ति
जालंधर किताब उत्सव का समापन
राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में आयोजित तीन दिवसीय किताब उत्सव का शुक्रवार को समापन हुआ। तीसरे दिन Read, Write and Publish और ‘साथ सीखें-सुन्दर लिखें’ सुलेख कार्यशालाओं का आयोजन हुआ। यायावर लेखक अनुराधा बेनीवाल से ‘आज़ादी मेरा ब्रांड : जीने की समझ’ विषय पर बातचीत हुई और अंतिम सत्र में काव्य पाठ हुआ।Read more -
Posted: November 21, 2024Categories: प्रेस विज्ञप्ति
जालंधर किताब उत्सव का दूसरा दिन
जालंधर में किताब उत्सव के दूसरे दिन ‘मीडिया रिसर्च में संभावनाएँ’ और ‘वॉयस कल्चर’ पर कार्यशालाओं का आयोजन हुआ। विनीत कुमार ने ‘बढ़ते स्क्रीन टाइम के बीच डिजिटल डिटॉक्स’ विषय पर विनीत कुमार ने वक्तव्य दिया और सरबप्रीत सिंह की किताब The Sufi’s Nightingale के सन्दर्भ में ‘ये इश्क इश्क है’ विषय पर रवि सिंह ने उनसे बातचीत की।Read more -
Posted: November 20, 2024Categories: प्रेस विज्ञप्ति
जालंधर में राजकमल का किताब उत्सव शुरू
राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा जालंधर में आयोजित तीन दिवसीय ‘किताब उत्सव’ की शुरुआत बुधवार को हुई। यह आयोजन 20 से 22 नवंबर 2024 तक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में किया जा रहा है।Read more -
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, रशीद किदवई की किताब ‘भारत के प्रधानमंत्री’ का एक अंश, जिसमें इंदिरा गांधी द्वारा 1966 में पहली बार प्रधानमंत्री पद संभालने से लेकर 1971 उनके दोबारा प्रधानमंत्री चुने जाने तक के घटनाक्रम का संंक्षिप्त मगर दिलचस्प वर्णन है।Read more
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Posted: November 14, 2024Categories: पुस्तक अंश
लोकदेव नेहरू : पंडित जी की धार्मिकता
देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की किताब ‘लोकदेव नेहरू’ का एक अंश, जिसमें उन्होंने नेहरू जी की धार्मिकता को जैसा समझा उसके बारे में लिखा है। दिनकर की यह पुस्तक पंडित नेहरू के राजनीतिक और अन्तरंग जीवन के कई अनछुए पहलुओं को निकटता से प्रस्तुत करती है।Read more