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मजदूर दिवस पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, अभिमन्यु अनत के उपन्यास ‘लाल पसीना’ का एक अंश। यह उपन्यास उन भारतीय मजदूरों के जीवन संघर्ष की कहानी है, जिन्हें चालाक फ्रांसीसी और ब्रिटिश उपनिवेशवादी सोने का लालच देकर मॉरिशस ले जाते थे। इस उपन्यास की भूमिका नोबेल पुरस्कार पुरस्कार ज्याँ मेरी गुस्ताव लेक्लेज़ियो ने लिखी है। उन्होंने अपने ‘नोबेल वक्तव्य’ में तीन बार इसके फ्रेंच अनुवाद का उल्लेख विस्तार से किया था।Read more
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भारतीय पॉप संगीत की महारानी उषा उथुप को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, विकास कुमार झा द्वारा लिखित उषा उथुप की जीवनी ‘उल्लास की नाव’ का एक अंश जिसमें उनके पॉप गायन की शुरुआत की घटनाओं का वर्णन है।Read more
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Posted: April 20, 2024
चन्दन पांडेय की कहानी : शुभकामना का शव
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, ‘वैधानिक गल्प’ और ‘कीर्तिगान’ जैसे उपन्यासों और कई असाधारण कहानियों के लेखक चन्दन पांडेय के हाल ही में प्रकाशित कहानी संग्रह ‘चोट’ से एक कहानी— ‘शुभकामना का शव’। इस कहानी की विषय-वस्तु इतनी भीषण है कि इसे पढ़ते हुए आप सिहर उठते हैं।Read more -
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, फ़िलीस्तीन की पृष्ठभूमि में लिखी गई लेबनानी पत्रकार तलत सौकेरत की कहानी ‘पंख’। यह कहानी लेखक-पत्रकार नासिरा शर्मा की नई किताब ‘फ़िलिस्तीन : एक नया कर्बला’ में संकलित है। फ़िलिस्तीन और इजरायल की राजनीति, समाज और साहित्य पर केन्द्रित इस किताब के माध्यम से हम यहूदियों और अरब फ़िलिस्तीनियों, दोनों के हालात को समझ सकते हैं।Read more
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आंबेडकर जयंती के अवसर पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, अरुंधति रॉय की किताब ‘एक था डॉक्टर एक था संत’ का एक अंश। इस किताब के जरिए अरुंधति रॉय वर्तमान भारत में असमानता को समझने और उससे निपटने के लिए ज़ोर देकर कहती हैं कि हमें राजनैतिक विकास और मोहनदास करमचन्द गांधी के प्रभाव― दोनों का ही परीक्षण करना होगा। सोचना होगा कि क्यों भीमराव आंबेडकर द्वारा गांधी की लगभग दैवीय छवि को दी गई प्रबुद्ध चुनौती को भारत के कुलीन वर्ग द्वारा दबा दिया गया?