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कथाकार रवीन्द्र कालिया की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें उनके उपन्यास—‘खुदा सही सलामत है’ का एक अंश।Read more
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Posted: September 20, 2024
गाँवों में कैसे होता हैं दलितों का दमन?
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, शिवमूर्ति के उपन्यास ‘अगम बहै दरियाव’ का एक अंश जिसमें गाँव के दबंगों द्वारा दलितों के दमन और उनकी बस्ती को जलाने के प्रसंग का बेहद मार्मिक वर्णन है।Read more -
Posted: September 01, 2024
राही मासूम रज़ा के उपन्यास ‘आधा गाँव’ का अंश
राही मासूम रज़ा की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनके उपन्यास ‘आधा गाँव’ का एक अंश। यह संभवत: हिन्दी का पहला ऐसा उपन्यास है जो शिया मुसलमानों के ग्रामीण जीवन का यथार्थ सामने लाता है।Read more -
Posted: August 26, 2024
श्रीकृष्ण जन्म की कथा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, वीरेन्द्र सारंग के उपन्यास ‘जननायक कृष्ण’ का एक अंश जिसमें श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंग का रोचक वर्णन है।Read more -
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, धार्मिक कट्टरपंथ का विरोध करने पर बांग्लादेश से निष्कासित लेखक तसलीमा नसरीन के उपन्यास ‘बेशरम’ का एक अंश जिसमें बांग्लादेश से विस्थापित एक हिन्दू लड़की की दर्दनाक कहानी है। इस उपन्यास में लेखक के बहुचर्चित उपन्यास ‘लज्जा’ के आगे की कहानी है जिसमें उन्होंने साम्प्रदायिक उन्माद और अत्याचारों के चलते विस्थापित हुए लोगों की अपनी जन्मभूमि, अपना घर छोड़कर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जीवन बिताने की मजबूरी और उनकी परिस्थितियों का बेहद मार्मिक वर्णन किया है।