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Posted: July 11, 2024
भीष्म साहनी के उपन्यास ‘तमस’ का अंश
भीष्म साहनी की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित उनके उपन्यास ‘तमस’ का एक अंश। सांप्रदायिक दंगों की पृष्ठभूमि में लिखे गए इस उपन्यास को हिन्दी में कालजयी रचना का दर्जा प्राप्त है।Read more -
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, ज्ञान चतुर्वेदी के नए उपन्यास ‘एक तानाशाह की प्रेमकथा’ का एक अंश। इस उपन्यास में लेखक ने प्रेम जैसे सार्वभौमिक तत्त्व को अपना विषय बनाया है और उसे वहाँ से देखना शुरू किया है जहाँ वह अपने पात्र के लिए ही घातक हो उठता है। वह आत्ममुग्ध प्रेम किसी को नहीं छोड़ता चाहे प्रेमी के लिए प्रेमिका हो, पति के लिए पत्नी हो या शासक के लिए देश।Read more
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रवीन्द्रनाथ ठाकुर की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, रंजन बद्योपाद्याय के उपन्यास ‘मैं रवीन्द्रनाथ की पत्नी’ का एक अंश। इस उपन्यास में लेखक ने यह सोचने की कोशिश की है कि रवीन्द्रनाथ ठाकुर की पत्नी मृणालिनी ने यदि कोई आत्मकथा लिखी होती तो वह उसमें क्या लिखतीं? मूलरूप से बांग्ला भाषा में लिखे गए इस उपन्यास का हिन्दी में अनुवाद शुभ्रा उपाध्याय ने किया है।
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आजादी के बाद जब देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम हुई तो भारत में रह रहे एंग्लो-इंडियन समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा के लिए संविधान के अनुच्छेद-79 के तहत इस समुदाय के दो लोगों को देश की लोकसभा में और एक-एक प्रतिनिधि को हरेक प्रान्त की विधानसभा में नामजद करने का प्रावधान किया गया था। इसी प्रावधान के तहत लम्बे समय तक बिहार विधानसभा के सदस्य रहे हेक्टर एंगस ब्राउन की आज 29वीं पुण्यतिथि है। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, दुनिया के एकमात्र एंग्लो इंडियन गाँव पर आधारित विकास कुमार झा के उपन्यास ‘मैकलुस्कीगंज’ का एक अंश, जिसमें उन्होंने हेक्टर एंगस ब्राउन के व्यक्तित्व के बारे में विस्तार से लिखा है।Read more
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, बुकर पुरस्कार से सम्मानित लेखक गीताजंलि श्री के पहले उपन्यास ‘माई’ के कुछ खास अंश। पहली रचना से ही लेखक को साहित्यिक समाज के बीच चर्चा का केन्द्र बनाने वाले इस उपन्यास में एक छोटे शहर की बड़ी-सी ड्योढ़ी में बसे एक परिवार की कहानी है। जिसमें एक मध्यमवर्गीय परिवार में औरत की ज़िन्दगी को बड़े प्रभावशाली तरीके से उभारा गया है।Read more