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कई राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर अभी तक राजनीतिक गहमागहमी बनी हुई है। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, नवीन चौधरी के उपन्यास ‘ढाई चाल’ का एक अंश जो इसी तरह के माहौल की एक रोमांचक कहानी कहती है।
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Posted: December 07, 2023
पुस्तक अंश : इंतजार हुसैन का उपन्यास 'बस्ती'
राजकमल ब्लॉग में आज पढ़ें, पाकिस्तान के शीर्षस्थ कथाकार इंतिजार हुसैन के उपन्यास ‘बस्ती’ का एक अंश। विभाजन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया यह उपन्यास मानवीय संवेदनाओं का एक महाआख्यान है। इस उपन्यास के लिए लेखक को पाकिस्तान के सबसे बड़े पुरस्कार ‘आदमजी एवार्ड’ से सम्मानित किया गया, जिसे उन्होंने वापस कर दिया।
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Posted: September 15, 2023
मैयतों और क़ब्रों के बीच जनमती-पलती ज़िन्दगियों की कहानी
आजकल इस लड़की को भी पाँख निकल आए थे। यह भी छोटी की तरह इन दिनों लहराती रहती थी। बात-बेबात ज़ुबान चलाती रहती। इसकी भी गज भर की ज़ुबान निकल गई थी। झूठ तो इस सफाई से बोलने लगी थी कि रसीदन को उस पर अब रत्ती भर भरोसा नहीं होता था। पहले बे-परवाह रहती थी, पर इन दिनों उसे भी छोटी की तरह हर घड़ी आईने के सामने खड़ा रहने का रोग लग गया था। ठीक है। होता है इस उम्र में, पर इसका मतलब यह नहीं कि बिना आगा-पीछा देखे जो जी में आए करो और दूसरों की आँखों में धूल झोंकती रहो। -
‘‘इस छल और कपट के भार को लेकर तुम कैसे सो सकोगी ? जब तक तुम अपना अपराध स्वीकार न कर लोगी, तब तक तुम्हें शान्ति न मिलेगी। तुमने जो कुछ किया है, वह पाप है, एक जघन्य पाप ! उस पाप को तुम बिना प्रायश्चित किए न धो सकोगी। आज तुमने जो कुछ कर डाला है, उसे तुम्हें प्रोफेसर को बतलाना ही होगा।’’
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Posted: August 26, 2023
वैशाली की नगरवधू बनने को क्यों मजबूर हुई आम्रपाली?
"समय पाकर रूढ़ियाँ ही धर्म का रूप धारण कर लेती हैं और कापुरुष उन्हीं की लीक पीटते हैं। स्त्री अपना तन-मन प्रचलित रूढ़ि के आधार पर एक पुरुष को सौंपकर उसकी दासी बन जाती है और अपनी इच्छा, अपना जीवन उसी में लगा देती है। वह तो साधारण जीवन है। पर देवी अम्बपाली, तुम असाधारण स्त्री-रत्न हो, तुम्हारा जीवन भी असाधारण ही होना चाहिए।”