Back to Top
-
संविधान दिवस पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, संविधानविद् अनूप बरनवाल 'देशबन्धु' की नवीनतम कृति 'भारतीय संविधान की निर्माण-यात्रा' का एक अंश, जिसमें संविधान पारित होने के ठीक पहले की महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन है।Read more
-
‘उम्मीदों के गीतकार शैलेन्द्र’ किताब शैलेन्द्र के गीतों और उनकी रचनात्मकता के बारे में गहराई से विचार करती है। यह किताब केवल शैलेन्द्र के गीतों और उनकी कला को नहीं, बल्कि उनके गीतों के माध्यम से फ़िल्मों की संरचना और कथा को भी एक नए दृष्टिकोण से देखती और दिखाती है।Read more
-
Posted: July 13, 2024
संवैधानिक सेक्युलरिज्म को दरकिनार किया जाना किसकी विफलता है?
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, राजीव भार्गव की किताब ‘राष्ट्र और नैतिकता : नए भारत से उठते 100 सवाल’ का एक अंश, जिसमें लेखक ने बताया है कि संवैधानिक सेक्यूलरवाद क्या है और इसे दरकिनार किए जाने से देश और समाज को किस तरह से हानि हो रही है। इस किताब में उन्होंने वर्तमान राजनीतिक-सामाजिक परिदृश्य से जुडे़ ऐसे ही अनेक सवालों को आसान शब्दों में समझाया है।Read more -
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, नासिरा शर्मा की लिखी कहानी— ‘नये रंग की गंध’। यह कहानी उनके कहानी संग्रह ‘सुनहरी उँगलियाँ’ में संकलित है।Read more
-
साहित्य अकादेमी से पुरस्कार से सम्मानित कथाकार संजीव के जन्मदिन पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, कोरोना काल के भयावह समय में इंसानियत की अद्भुत मिसाल पेश करती कहानी— ‘यह दुनिया अब भी सुंदर है’। यह कहानी इसी वर्ष प्रकाशित उनके कहानी संग्रह ‘प्रार्थना’ में संकलित है।Read more