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
हम मानव सभ्यता की जिस अवस्था तक आ पहुँचे हैं, उसमें अब सत्य सत्यापित नहीं हो सकता। सत्यापित सिर्फ असत्य होता है। मेरा निष्कर्ष है कि चूँकि ईश्वर को सत्यापित नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसका कोई भौतिक प्रमाण कहीं मौजूद नहीं है, इसीलिए मेरे अपने जीवन अनुभव से यह सिद्ध होता है कि ईश्वर इसलिए सत्य है।
राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उदय प्रकाश की ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’ संग्रह से उनकी कहानी ‘असत्य का भौतिक प्रमाण’