जालंधर में राजकमल का किताब उत्सव शुरू
  • पहले दिन पीयूष मिश्रा ने की किताब उत्सव में शिरकत
  • अनुराधा बेनीवाल ने युवाओं को सिखाए शतरंज खेलने के नुस्ख़े
  • राजकमल प्रकाशन समूह कर रहा है तीन दिवसीय कार्यक्रम

20 नवंबर, 2024 (बुधवार)

नई दिल्ली/जालंधर। राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा जालंधर में आयोजित तीन दिवसीय ‘किताब उत्सव’ की शुरुआत बुधवार को हुई। यह आयोजन 20 से 22 नवंबर 2024 तक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में किया जा रहा है। 

किताब उत्सव के पहले दिन की शुरुआत 'साथ खेलें-साथ पढ़ें' शतरंज कार्यशाला से हुई। इस कार्यशाला में जानी-मानी शतरंज कोच और यायावर लेखक अनुराधा बेनीवाल ने युवाओं को शतरंज खेलने के नुस्खे सिखाए। इस दौरान अनुराधा ने युवाओं के साथ शतरंज और घुम्मकड़ी से जुड़े अपने अनुभव भी साझा किए और कई किस्से सुनाए। 

कार्यक्रम का दूसरा सत्र पीयूष मिश्रा के साथ बातचीत का रहा। इस दौरान रेडियो उद्घोषक यूनुस खान ने पीयूष मिश्रा से उनके आत्मकथात्मक उपन्यास ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ के सन्दर्भ में ‘थियेटर से सिनेमा तक की यात्रा’ विषय पर बातचीत की। 

इस दौरान पीयूष मिश्रा ने अपनी जवानी के दिनों को याद करते हुए युवाओं को कई किस्से सुनाए। उन्होंने कहा कि उस समय जब हमारा दिल टूटता था तो हम गाने लिख डालते थे। अब व्हाट्सएप के जमाने में वो खून से खत लिखने वाली बातें सिर्फ़ यादें रह गई हैं। 

अपने आत्मकथात्मक उपन्यास ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ पर बात करते हुए उन्होंने कहा, इस किताब में मैंने अपने संघर्ष की सारी बातें लिखी है। जो कुछ भी मेरी ज़िन्दगी में घटा या वो सारी चीजें जो मेरी जिंदगी से जुड़ी हुई हैं, वो सब इसमें शामिल हैं। 

युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि शराब कोई अच्छी चीज नहीं है। कोई एक बार इसे पी ले और इसका शिकार हो जाए तो फिर वह आसानी से नहीं छूटती नहीं है। नशा करने वाले व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है। नशा छोड़ने वाले या नशे से बचे हुए व्यक्ति की जो समझ है वह बहुत अच्छी होती है, वह अपनी जिंदगी के फैसले अच्छी तरीके से कर सकता है। 

इसके बाद उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब देते हुए अपना नाम बदलकर पीयूष मिश्रा रखने से लेकर थियेटर से जुड़ने और एक बगल में चांद जैसे गाने लिखने तक से जुड़े कई किस्से सुनाए।  

उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से लाइफ लेशन यह है कि मस्ती में ज़िन्दगी जियो और जम के जियो। अपने लिए काम ऐसा चुनो कि जिसे तुम मस्ती से कर सको। जब आप लोग धूप में खड़े होंगे, ज़िन्दगी के उतार-चढ़ाव देखोगे, तकलीफें झेलोगे तभी आपको अच्छी ज़िन्दगी मिलेगी।

किताब उत्सव के दूसरे दिन गुरुवार को पहले सत्र में मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार के निर्देशन में ‘मीडिया रिसर्च में संभावनाएँ’ कार्यशाला आयोजित की जाएगी। दूसरे सत्र में यूनुस खान ‘वॉयस कल्चर’ कार्यशाला में युवाओं को बेहतर और प्रभावशाली बोलने से संबंधित कौशल विकास के बारे में बताएंगे। तीसरे सत्र में ‘बढ़ते डिजिटल टाइम के बीच डिजिटल डिटॉक्स’ विषय पर विनीत कुमार वक्तव्य देंगे। चौथा सत्र लेखक और पॉडकास्टर सरबप्रीत सिंह के साथ ‘ये इश्क इश्क है’ विषय पर स्पीकिंग टाइगर के एडिटर इन चीफ़ रवि सिंह की बातचीत का होगा।

राजकमल प्रकाशन के निदेशक आमोद महेश्वरी ने कहा, राजकमल प्रकाशन के 75वें स्थापना वर्ष में हमने ‘किताब उत्सव’ नाम से साहित्यिक कार्यक्रमों की एक शृंखला की शुरुआत की थी। इसके तहत अब तक हम भोपाल, वाराणसी, पटना, चंडीगढ़, मुम्बई, राँची, लखनऊ और जयपुर जैसे देश के प्रमुख शहरों में 10 सफल आयोजन कर चुके हैं। जालंधर हमारी इस यात्रा का नौवां पड़ाव है। इस उत्सव हमारे साथ लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी और अंग्रेजी प्रकाशक स्पीकिंग टाइगर भी सहभागिता कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, हमारा उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक हिन्दी की उत्कृष्ट कृतियों को पहुँचाना है। किताब उत्सव भी हमारी इसी योजना का एक हिस्सा है। हर शहर के साहित्यप्रेमियों ने इस पहल को बहुत सराहा है और खुलेमन से इसका स्वागत किया है। अब हम बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों की तरफ बढ़ रहे हैं। यह यात्रा आगे भी इसी तरह जारी रहेगी।