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पूर्व-प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, रशीद किदवई की किताब ‘भारत के प्रधानमंत्री’ का एक अंश, जिसमें राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने से लेकर उनकी हत्या तक देश के राजनीतिक घटनाक्रम का संक्षिप्त वर्णन किया गया है।Read more
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, हिन्दी के मूर्धन्य व्यंग्य शिल्पी शरद जोशी के राजनीतिक व्यंग्यों के संकलन ‘वोट ले दरिया में डाल’ से एक व्यंग्य। इसमें उन्होंने राजनीति की कई अलग-अलग परिभाषाएँ यह समझाया है कि राजनीति की दरअसल क्या होती है?Read more
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, धवल कुलकर्णी की किताब ‘ठाकरे भाऊ’ का एक अंश, जिसमें महाराष्ट्र की राजनीति में राज ठाकरे और उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रभाव के बारे में चर्चा की गई है। इस किताब के जरिए लेखक ने इन दोनों भाइयों के राजनीतिक उतार-चढ़ाव और पहचान की महाराष्ट्रीय राजनीति का विश्लेषण प्रस्तुत किया है।Read more
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न्यूज़ क्लिक के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को सुप्रीम कोर्ट ने आज रिहा करने का आदेश देते हुए यूएपीए के तहत उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया। 1975 में आपातकाल के दौरान भी पुरकायस्थ को इसी तरह ‘मीसा’ (आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम) के तहत गिरफ़्तार किया गया था। उस समय वह जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र थे और उन्होंने एक साल जेल में रहते हुए बिताया था। राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, इतिहासकार ज्ञान प्रकाश की शीघ्र प्रकाश्य किताब ‘आपातकाल आख्यान : इंदिरा गांधी और लोकतंत्र की अग्निपरीक्षा’ के खास अंश जिसमें इस वाकये का विस्तार से उल्लेख है। मूल रूप से अंग्रेजी में ‘Emergency Chronicles : Indira Gandhi and Democracy's Turning Point’ शीर्षक से प्रकाशित इस किताब का अनुवाद मिहिर पंड्या ने किया है।
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महाराष्ट्र अंधविश्वास निर्मूलन समिति के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में आज पुणे की अदालत ने दो लोगों को उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई है। एम. बी. बी. एस. की पढ़ाई कर चुके डॉ. दाभोलकर ने 1982 में अंधविश्वास के विरूद्ध लड़ाई की शुरुआत की और जीवन पर्यन्त अंधविश्वास उन्मूलन के लिए अभियान चलाया। 2013 में अज्ञात तत्वों द्वारा गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। राजकमल ब्लॉग के इस विशेष अंक में पढ़ें, उनकी किताबों से कुछ खास अंश।Read more