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शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी के जन्मदिवस पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनके उपन्यास ‘क़ब्ज़े ज़माँ’ का एक अंश। उर्दू से इसका अनुवाद रिज़वानुल हक़ ने किया है। यह छोटा-सा उपन्यास उर्दू क़िस्सागाेई की बेहतरीन मिसाल है।
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शमशेर बहादुर सिंह की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनकी कविता 'टूटी हुई, बिखरी हुई'। यह कविता इसी शीर्षक से प्रकाशित उनके कविता संग्रह और 'प्रतिनिधि कविताएँ' में संकलित है।
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स्वामी विवेकानन्द की जयंती पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, नोबेल पुरस्कार प्राप्त लेखक रोमां रोलां द्वारा लिखित विवेकानन्द की जीवनी का एक अंश। मूल रूप से फ्रेंच भाषा में लिखी गई यह किताब विवेकानन्द पर लिखी गई शुरुआती महत्वपूर्ण किताबों में से एक है। हिन्दी में इसका अनुवाद ‘अज्ञेय’ और रघुवीर सहाय ने किया है।
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Posted: January 11, 2024
पुस्तक अंश : शास्त्री जी के निधन की रात ताशकन्द में क्या-क्या हुआ?
लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनके काफ़ी करीबी रहे जाने-माने पत्रकार और लेखक कुलदीप नैयर की आत्मकथा ‘एक ज़िन्दगी काफ़ी नहीं’ का एक अंश। इसमें शास्त्री जी के निधन की रात को ताशकन्द में हुए घटनाक्रम का विवरण है।
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विश्व हिन्दी दिवस पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, सुप्रसिद्ध भाषाविज्ञानी भोलानाथ तिवारी की एक अनूठी कृति ‘शब्दों का जीवन’ का एक अंश। इस पुस्तक में शब्दों के जन्म, निर्माण, अर्थ, ध्वनि परिवर्तन और आदान-प्रदान आदि से सम्बन्धित भाषावैज्ञानिक तथ्यों को ललित निबन्धों के शिल्प में पेश किया गया है। अत्यन्त मनोरंजक भाषा-शैली में रची गई इस कृति में शब्दों को मनुष्य की तरह ही जन्म लेते, मरते, उलटते-पलटते और उठते-बैठते दिखाया है।