Back to Top
-
प्रेमचन्द ने अपने लेख 'राष्ट्रवाद और अन्तरराष्ट्रवाद' में लिखा था : 'राष्ट्रवाद आधुनिक कैंसर है, उसी तरह जैसे साम्प्रदायिकता मध्ययुग का कैंसर थी।'
-
हजारी प्रसाद द्विवेदी की पुण्यतिथि पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, 'आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी के श्रेष्ठ निबन्ध' पुस्तक से उनका निबन्ध 'भीष्म को क्षमा नहीं किया गया!'
-
ब्लॉग के इस अंक में पढ़ें, रवीश कुमार की किताब 'बोलना ही है' का अंश 'नागरिक पत्रकारिता की ताकत'। यह रवीश कुमार द्वारा मनीला में 6 सितंबर, 2019 को रैमॉन मैगसेसे सेंटर में दिए गए भाषण का संपादित अंश है जिसे इस किताब में संकलित किया गया।
-
राजकमल प्रकाशन समूह के ब्लॉग के इस अंक में पाकिस्तानी शायरा सारा शगुफ़्ता की ज़िंदगी और उनकी शायरी के बारे में चर्चा की गई हैं।