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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, अनुराधा बेनीवाल के यात्रा-आख्यान 'लोग जो मुझमें रह गए' का एक अंश। इसमें लेखक के एक समलैंगिक जोड़े के साथ बिताए गए पलों और उनके साथ हुई बातचीत का जिक्र है।
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राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, अजय नावरिया के उपन्यास 'उधर के लोग' का एक अंश। इस उपन्यास में बाजार की भयावहता, वेश्यावृत्ति, यौन-विकार, विचारधाराओं की प्रासंगिकता, प्रेम, विवाह और तलाक पर खुलकर बात की गई है।
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विश्व पर्यावरण दिवस और पर्यावरण-संरक्षण के प्रति जनचेतना जगाने वाले गांधीवादी पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र के जन्मदिवस पर राजकमल ब्लॉग में पढ़ें, उनकी किताब 'पर्यावरण के पाठ' का एक अंश।
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मेरा अनुभव बताता है, श्रीकान्त, कि आदमी के ज्ञान का दायरा ज्यों-ज्यों बढ़ता है, त्यों-त्यों उसके अज्ञान