Aadi, Ant Aur Aarambh

Author: Nirmal Verma
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Aadi, Ant Aur Aarambh
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‘भारत सिर्फ़ एक ‘नेशन स्टेट’ नहीं है। शताब्दियों से हमारे देश की सीमाएँ वे स्वागत-द्वार रही हैं जिनके भीतर आते ही उत्पीड़ित और त्रस्त जातियाँ अपने को सुरक्षित पाती रही हैं।’

यह लिखते हुए निर्मल वर्मा यह भी कहते हैं कि एक प्राचीन वट-वृक्ष की तरह भारतीय संस्कृति ने अपनी छाया तले अनेक समुदायों को ऐसा पवित्र स्पेस दिया जहाँ वे मुक्त हवा में साँस ले सकें।

क्या आजादी के बाद हमने एक राष्ट्र के रूप में अपनी इस विराटता को छीज जाने दिया?

ऐसे ही प्रश्नों पर मनन करते हुए इस पुस्तक के निबन्ध उस आत्म-उन्मूलन को भी रेखांकित करते हैं जिसके चलते आधुनिक मनुष्य अपने ही स्पेस में शरणार्थी जैसा हो चला है। अलग-अलग अवसरों पर लिखे गए इस पुस्तक के अधिकांश निबन्ध, भले ही उनके विषय कुछ भी हों, आत्म-उन्मूलन के इस ‘अन्धकार’ को कहीं-न-कहीं चिह्नित करते हैं।

भारतीय बुद्धिजीवी की भूमिका, धर्म और साम्प्रदायिकता, धर्मनिरपेक्षता और भारतीयता आदि विषयों के अलावा यहाँ संकलित निबन्ध हिन्दी भाषा और साहित्य से जुड़े कुछ प्रश्नों को भी अपने दायरे में लेते हैं।

चेकोस्लोवाकिया पर सोवियत सेना के आक्रमण और भारत के आपातकाल से जुड़े दो आलेख भी इस पुस्तक में शामिल हैं। 

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 230p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 20 X 12.5 X 1.5
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Nirmal Verma

Author: Nirmal Verma

निर्मल वर्मा

निर्मल वर्मा हिन्दी कथा-साहित्य के अन्यतम हस्ताक्षर हैं। उनका जन्म 3 अप्रैल, 1929 को शिमला में हुआ। वे अपने मौलिक लेखन के लिए जितने लोकप्रिय रहे, उतने ही विश्व-साहित्य के अपने अनुवादों के लिए। वैचारिक चिन्तन और हस्तक्षेप के लिए भी समादृत। लेखन के लिए भारतीय ज्ञानपीठ, साहित्य अकादेमी की महत्तर सदस्यता और पद्मभूषण सहित अनेक पुरस्कार और सम्मान उन्हें मिले। भारत सरकार द्वारा 2005 में नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किये गये। उसी वर्ष 25 अक्तूबर को नई दिल्ली में देहावसान। 

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