Mayank Murari
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मयंक मुरारी
मयंक मुरारी ने ग्रामीण विकास, प्रबन्धन, जनसम्पर्क एवं पत्रकारिता के अलावा राजनीतिशास्त्र में उच्च शिक्षा, स्नातक एवं स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने के बाद विकास के वैकल्पिक माध्यम पर पी-एच.डी. किया। वे 600 से अधिक आलेख और एक दर्जन किताबें लिख चुके हैं, जिनमें ‘मानववाद एवं राजव्यवस्था’, ‘राजनीति एवं प्रशासन’, ‘भारत : एक सनातन राष्ट्र’, ‘माई : एक जीवनी’, ‘झारखंड के अनजाने खेल’, ‘झारखंड की लोक कथाएँ’, ‘लोक जीवन : पहचान, परम्परा और प्रतिमान’, ‘यात्रा बीच ठहरे कदम’, ‘ओ जीवन के शाश्वत साथी’, ‘पुरोषत्तम की पदयात्रा’, ‘अच्छाई की खोज’, ‘भगवा ध्वज’, ‘जंबूद्वीपे-भरतखंडे’ आदि शामिल हैं। इसके अलावा आध्यात्मिक और भारतीय दर्शन पर आधारित आलेख देश के सभी प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में नियमित रूप से प्रकाशित होते हैं। व्यक्तित्व विकास, प्रेरणा और संवाद के अलावा भारतीय परम्परा एवं जीवन पर विभिन्न विद्यालयों एवं संस्थानों में उनके व्याख्यान भी होते हैं।
वे ‘विद्यावाचस्पति’, ‘झारखंड गौरव सम्मान’, ‘सिद्धनाथ कुमार स्मृति सम्मान’, ‘झारखंड रत्न’, ‘जयशंकर प्रसाद स्मृति सम्मान’, ‘साहित्य अकादेमी रामदयाल मुंडा कथेतर सम्मान’ से सम्मानित हैं। समाज सेवा के लिए उन्हें लायंस क्लब ऑफ राँची समेत अन्य संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
ई-मेल : murari.mayank@gmail.com