Chitthiyon Ke Din

Author: Nirmal Verma
Editor: Gagan Gill
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
As low as ₹315.00 Regular Price ₹350.00
10% Off
In stock
SKU
Chitthiyon Ke Din
- +
Share:

‘चिट्ठियों के दिन’ निर्मल वर्मा के रमेशचन्द्र शाह, ज्योत्स्ना मिलन और उनकी बेटियों—शंपा शाह व राजुला शाह को लिखे पत्रों का संकलन है।

अस्सी के दशक में लिखे गए इन पत्रों में निर्मल जी की वह दुनिया दिखाई देती है; जिसके बहुत कम हिस्से से हम परिचित हैं। इनमें उनका अकेलापन भी दिखता है, और संवादप्रियता भी, लेखक के रूप में अपनी नियति का सामना करने की तैयारी भी और समकालीनों के षड्यंत्रों-आक्षेपों-प्रहारों को समझते-जानते हुए उनसे अछूते रहने की उनकी नैतिक शक्ति भी।

इसी पुस्तक में शामिल अपने वक्तव्य में रमेशचन्द्र शाह लिखते हैं, ‘निर्मल जी सभा-संगो‌ष्ठियों में शिरकत करते हुए जितना सबके साथ होते थे, उतना ही अपने साथ। अन्तर्मुखता की शर्तों पर ही वे पर्याप्त बहिर्मुखता का भी निर्वाह किस ख़ूबी से कर पाते थे, एक समूची पीढ़ी इसकी गवाह है। यही ख़ूबी उनके ‘पत्रों’ में भी है।... सेल्फ़ रिवीलिंग, स्व-संवेदी, आत्मोद्घाटक; किन्तु स्व-केन्द्रित कदापि नहीं।’

इन पत्रों में अनेक पुस्तकों, लेखकों और पत्र-पत्रिकाओं के हवालों के साथ-साथ तत्कालीन हिन्दी-संसार और विश्व-साहित्य की हलचलों की भी जानकारी प्राप्त होती चलती है जिससे पाठक को उस दौर को जानने और निर्मल जी के कथाकार व चिन्तक रूप को समझने में भी मदद मिलती है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 264p
Translator Not Selected
Editor Gagan Gill
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21 X 13 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Chitthiyon Ke Din
Your Rating
Nirmal Verma

Author: Nirmal Verma

निर्मल वर्मा

निर्मल वर्मा हिन्दी कथा-साहित्य के अन्यतम हस्ताक्षर हैं। उनका जन्म 3 अप्रैल, 1929 को शिमला में हुआ। वे अपने मौलिक लेखन के लिए जितने लोकप्रिय रहे, उतने ही विश्व-साहित्य के अपने अनुवादों के लिए। वैचारिक चिन्तन और हस्तक्षेप के लिए भी समादृत। लेखन के लिए भारतीय ज्ञानपीठ, साहित्य अकादेमी की महत्तर सदस्यता और पद्मभूषण सहित अनेक पुरस्कार और सम्मान उन्हें मिले। भारत सरकार द्वारा 2005 में नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किये गये। उसी वर्ष 25 अक्तूबर को नई दिल्ली में देहावसान। 

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top