Kullibhat

Edition: 2024, Ed 7th
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Kullibhat
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‘कुल्ली भाट’ अपनी कथा-वस्तु और शैली-शिल्प के नएपन के कारण न केवल निराला के गद्य-साहित्य की बल्कि हिन्दी के सम्पूर्ण गद्य-साहित्य की एक विशिष्ट उपलब्धि है।

यह इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि कुल्ली के जीवन-संघर्ष के बहाने इसमें निराला का अपना सामाजिक जीवन मुखर हुआ है और बहुलांश में यह महाकवि की आत्मकथा ही है। यही कारण है कि सन् 1939 के मध्य में प्रकाशित यह कृति उस समय की प्रगतिशील धारा के अग्रणी साहित्यकारों के लिए चुनौती के रूप में सामने आई, तो देशोद्धार का राग अलापनेवाले राजनीतिज्ञों के लिए इसने आईने का काम किया।

संक्षेप में कहें तो निराला के विद्रोही तेवर और ग़लत सामाजिक मान्यताओं पर उनके तीखे प्रहारों ने इस छोटी-सी कृति को महाकाव्यात्मक विस्तार दे दिया है, जिसे पढ़ना एक विराट जीवन-अनुभव से गुज़रना है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 1939
Edition Year 2024, Ed 7th
Pages 151p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
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Suryakant Tripathi 'Nirala'

Author: Suryakant Tripathi 'Nirala'

सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’

निराला का जन्म वसन्त पंचमी, 1896 को बंगाल के मेदिनीपुर ज़िले के महिषादल नामक देशी राज्य में हुआ। निवास उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़ि‍ले के गढ़ा कोला गाँव में। शिक्षा हाईस्कूल तक ही हो पाई। हिन्दी, बांग्ला, अंग्रेज़ी और संस्कृत का ज्ञान उन्होंने अपने अध्यवसाय से स्वतंत्र रूप में अर्जित किया।

प्राय: 1918 से 1922 ई. तक निराला महिषादल राज्य की सेवा में रहे, उसके बाद से सम्पादन, स्वतंत्र लेखन और अनुवाद-कार्य। 1922-23 ई. में समन्वय’ (कोलकाता) का सम्पादन। 1923 ई. के अगस्त से मतवालामंडल में। कलकत्ता छोड़ा तो लखनऊ आए, जहाँ गंगा पुस्तकमाला कार्यालय और वहाँ से निकलनेवाली मासिक पत्रिका सुधासे 1935 ई. के मध्य तक सम्बद्ध रहे। प्राय: 1940 ई. तक लखनऊ में। 1942-43 ई. से स्थायी रूप से इलाहाबाद में रहकर मृत्यु-पर्यन्त स्वतंत्र लेखन और अनुवाद-कार्य। पहली प्रकाशित
कविता : जन्मभूमि (प्रभा’, मासिक, कानपुर; जून 1920)। पहली प्रकाशित पुस्तक : अनामिका (1923 ई.)।

प्रमुख कृतियाँ : आराधना, गीतिका, अपरा, परिमल, गीतगुंज, तुलसीदास, कुकुरमुत्ता, बेला, अर्चना, नए पत्ते, अणिमा, रागविराग, सांध्य काकली, असंकलित रचनाएँ (कविता-संग्रह); बिल्लेसुर बकरिहा, अप्सरा, अलका, कुल्लीभाट, प्रभावती, निरुपमा, चोटी की पकड़, भक्त ध्रुव, भक्त प्रहलाद, महाराणा प्रताप, भीष्म पितामह, चमेली, काले कारनामे, इन्दुलेखा (अपूर्ण) (उपन्यास); सुकुल की बीवी, लिली, चतुरी चमार, महाभारत, सम्पूर्ण कहानियाँ (कहानी-संग्रह); प्रबन्ध प्रतिमा, प्रबन्ध पद्म, चयन, चाबुक, संग्रह (निबन्ध-संग्रह); दो शरण, निराला संचयन, निराला रचनावली (सम्पूर्ण साहित्य)।

निधन : 15 अक्टूबर, 1961

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