‘अप्सरा’ निराला की कथा–यात्रा का प्रथम सोपान है। अप्सरा–सी सुन्दर और कला–प्रेम में डूबी एक वीरांगना की यह कथा हमारे हृदय पर अमिट प्रभाव छोड़ती है। अपने व्यवसाय से उदासीन होकर वह अपना हृदय एक कलाकार को दे डालती है और नाना दुष्चक्रों का सामना करती हुई अतन्त: अपनी पावनता को बनाए रख पाने में समर्थ होती है। इस प्रक्रिया में उसकी नारी–सुलभ कोमलताएँ तो उजागर होती ही हैं, उसकी चारित्रिक दृढ़ता भी प्रेरणाप्रद हो उठती है।
इस उपन्यास में तत्कालीन भारतीय परिवेश और स्वाधीनता–प्रेमी युवा–वर्ग की दृढ़ संकल्पित मानसिकता का चित्रण हुआ है, जो कि महाप्राण निराला की सामाजिक प्रतिबद्धता का एक ज्वलन्त उदाहरण है।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back, Paper Back |
Publication Year | 1931 |
Edition Year | 2022, Ed. 11th |
Pages | 171p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22.5 X 14.5 X 1.5 |
Author: Suryakant Tripathi 'Nirala'
सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
निराला का जन्म वसन्त पंचमी, 1896 को बंगाल के मेदिनीपुर ज़िले के महिषादल नामक देशी राज्य में हुआ। निवास उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले के गढ़ा कोला गाँव में। शिक्षा हाईस्कूल तक ही हो पाई। हिन्दी, बांग्ला, अंग्रेज़ी और संस्कृत का ज्ञान उन्होंने अपने अध्यवसाय से स्वतंत्र रूप में अर्जित किया।
प्राय: 1918 से 1922 ई. तक निराला महिषादल राज्य की सेवा में रहे, उसके बाद से सम्पादन, स्वतंत्र लेखन और अनुवाद-कार्य। 1922-23 ई. में ‘समन्वय’ (कोलकाता) का सम्पादन। 1923 ई. के अगस्त से ‘मतवाला’ मंडल में। कलकत्ता छोड़ा तो लखनऊ आए, जहाँ गंगा पुस्तकमाला कार्यालय और वहाँ से निकलनेवाली मासिक पत्रिका ‘सुधा’ से 1935 ई. के मध्य तक सम्बद्ध रहे। प्राय: 1940 ई. तक लखनऊ में। 1942-43 ई. से स्थायी रूप से इलाहाबाद में रहकर मृत्यु-पर्यन्त स्वतंत्र लेखन और अनुवाद-कार्य। पहली प्रकाशित
कविता : जन्मभूमि (‘प्रभा’, मासिक, कानपुर; जून 1920)। पहली प्रकाशित पुस्तक : अनामिका (1923 ई.)।
प्रमुख कृतियाँ : आराधना, गीतिका, अपरा, परिमल, गीतगुंज, तुलसीदास, कुकुरमुत्ता, बेला, अर्चना, नए पत्ते, अणिमा, रागविराग, सांध्य काकली, असंकलित रचनाएँ (कविता-संग्रह); बिल्लेसुर बकरिहा, अप्सरा, अलका, कुल्लीभाट, प्रभावती, निरुपमा, चोटी की पकड़, भक्त ध्रुव, भक्त प्रहलाद, महाराणा प्रताप, भीष्म पितामह, चमेली, काले कारनामे, इन्दुलेखा (अपूर्ण) (उपन्यास); सुकुल की बीवी, लिली, चतुरी चमार, महाभारत, सम्पूर्ण कहानियाँ (कहानी-संग्रह); प्रबन्ध प्रतिमा, प्रबन्ध पद्म, चयन, चाबुक, संग्रह (निबन्ध-संग्रह); दो शरण, निराला संचयन, निराला रचनावली (सम्पूर्ण साहित्य)।
निधन : 15 अक्टूबर, 1961
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