Kahaniyan Rishton Ki : Sahodar

Author: Akhilesh
Editor: Alpana Mishra
Edition: 2014, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Kahaniyan Rishton Ki : Sahodar
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अल्पना मिश्र हिन्दी कहानी के सूची-समाज में अनिवार्य रूप से शामिल नहीं हैं लेकिन वे उसकी सबसे मज़बूत परम्परा का एक विद्रोही और दमकता हुआ नाम हैं। उन्हें उखड़े और बाज़ार-प्रिय लोगों द्वारा सूचीबद्ध नहीं किया जा सका। कहानी का यह धीमा सितारा मिटनेवाला, धुँधला होनेवाला नहीं है, निश्चय ही यह स्थायी दूरियों तक जाएगा।

अल्पना मिश्र की कहानियों में अधूरे, तकलीफ़देह, बेचैन, खंडित और संघर्ष करते मानव जीवन के बहुसंख्यक चित्र हैं। वे अपनी कहानियों के लिए, बहुत दूर नहीं जातीं, निकटवर्ती दुनिया में रहती हैं। आज पाठक और कथाकार के बीच की दूरी कुछ अधिक ही बढ़ती जा रही है, अल्पना मिश्र की कहानियों में यह दूरी नहीं मिलेगी। आज बहुतेरे नए कहानीकार प्रतिभाशाली तो हैं पर कहानी तत्त्व उनका दुर्बल है, वे अपनी निकटस्थ, खलबलाती, उजड़ती, दुनिया को छोड़कर नए और आकर्षक भूमंडल में जा रहे हैं। इस नज़रिए से देखें तो अल्पना मिश्र उड़ती नहीं हैं, वे प्रचलित के साथ नहीं हैं, वे ढूँढ़ती हुई, खोजती हुई, धीमे-धीमे उँगली पकड़कर लोगों यानी अपने पाठकों के साथ चलती हैं।

‘ग़ैर-हाज़िरी में हाज़िर’, ‘गुमशुदा’, ‘रहगुज़र की पोटली’, ‘महबूब ज़माना और ज़माने में वे’, ‘सड़क मुस्तक़िल’, ‘उनकी व्यस्तता’, ‘मेरे हमदम मेरे दोस्त’, ‘पुष्पक विमान’ और ‘ऐ अहिल्या’ कहानियाँ इस संग्रह में हैं। इन सभी में किसी-न-किसी प्रकार के हादसे हैं। भूस्खलन, पलायन, छद्म आधुनिकता, जुल्म, दहेज हत्याएँ, स्त्री-शोषण से जुड़ी घटनाएँ अल्पना मिश्र की कहानियों के केन्द्र में हैं। इन सभी कहानियों में लेखिका की तरफ़दारी और आग्रह तीखे और स्पष्ट हैं। वे अत्याधुनिक अदाओं और स्थापत्य के लिए विकल नहीं हैं। उनकी कहानियाँ आलंकारिक नहीं हैं, वे उत्पीड़न के ख़िलाफ़ मानवीय आन्दोलन का पक्ष रखती हैं और इस तरह सामाजिक कायरता से हमें मुक्त कराने का रचनात्मक प्रयास करती हैं। मुझे इस तरह की कहानियाँ प्रिय हैं।

—ज्ञानरंजन

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2014
Edition Year 2014, Ed. 1st
Pages 168p
Translator Not Selected
Editor Alpana Mishra
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Akhilesh

Author: Akhilesh

अखिलेश

जन्म : 23 ​सितम्बर, 1960; सुल्तानपुर (उ.प्र.)।

शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी साहित्य), इलाहाबाद विश्वविद्यालय।

प्रकाशित कृतियाँ : कहानी-संग्रह—‘आदमी नहीं टूटता’, ‘मुक्ति’, ‘शापग्रस्त’, ‘अँधेरा’। उपन्यास—‘अन्वेषण’; सृजनात्मक गद्य—‘वह जो यथार्थ था’। आलोचना—‘श्रीलाल शुक्ल की दुनिया’ (सं.)। सम्पादन—‘वर्तमान साहित्य’, ‘अतएव’ पत्रिकाओं में समय-समय पर सम्पादन। आजकल प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘तद्भव’ के सम्पादक। 'एक कहानी एक किताब' शृंखला की दस पुस्तकों के शृंखला सम्पादक। 'दस बेमिसाल प्रेम कहानियाँ' का सम्पादन।

अन्य : देश के महत्त्वपूर्ण निर्देशकों द्वारा कई कहानियों का मंचन एवं नाट्य-रूपान्तरण। कुछ कहानियों का दूरदर्शन हेतु फ़‍िल्मांकन। टेलीविज़न के लिए पटकथा एवं संवाद-लेखन। अनेक भारतीय भाषाओं में रचनाओं के अनुवाद प्रकाशित।

पुरस्कार/सम्मान : ‘श्रीकान्‍त वर्मा सम्मान’, ‘इन्दु शर्मा कथा सम्मान’, ‘परिमल सम्मान’, ‘वनमाली सम्मान’, ‘अयोध्या प्रसाद खत्री सम्मान’, ‘स्पन्दन पुरस्कार’, ‘बालकृष्ण शर्मा नवीन पुरस्कार’, ‘कथा अवार्ड’ आदि।

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