हिन्दी साहित्य में श्रीलाल शुक्ल का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है।‘राग दरबारी’, ‘सीमाएँ टूटती हैं’ तथा ‘पहला पड़ाव’ आदि उपन्यासों और ‘अंगद का पाँव’, ‘यहाँ सेवहाँ’ तथा ‘उमरावनगर में कुछ दिन’ आदि व्यंग्य–संग्रहों के माध्यम से उन्होंने अपने पाठकों के साथजो तादात्म्य स्थापित किया है, वह हिन्दी साहित्य की एक विरल घटना है।
‘सुरक्षा और अन्य कहानियाँ’ शुक्ल जी की चर्चित कहानियों का महत्त्वपूर्ण संकलन है। सामाजिकसरोकारों से सुगुम्फित ये कहानियाँ हमें भावोद्वेलित ही नहीं करतीं, सामाजिक विद्रूपताओं से रू–ब–रू भी कराती हैं। श्रीलाल जी उपन्यासकार और व्यंग्यकार के रूप में ही जाने जाते रहे, यह कहानी–संग्रह शुक्ल जी को एक सशक्त कहानीकार के रूप में समादृत करता है।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 1992 |
Edition Year | 2014, Ed. 2nd |
Pages | 119p |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 18.5 X 12 X 1 |