Palestine : Ek Naya Karbala

Author: Nasera Sharma
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Palestine : Ek Naya Karbala
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दर्द को लेकर/दुनिया बेहिस हो चुकी है/सूरज की आँखों में सूराख़ हो गया है। और दुनिया!/दुनिया मेरे ख़ुदा!/उसने एक भी शमा रौशन नहीं की/उसने आँसुओं की बूँद भी नहीं गिराई/जो धो डालती/यरुशलेम के ज़ख़्मी बदन को।

इस संचयन में संकलित फ़िलिस्तीनी कवयित्री फ़दवा तूकान के लिए इज़रायली रक्षामंत्री मोशे दयान ने कहा था कि इसकी एक-एक पंक्ति बीस कमांडो पर भारी पड़ती है। ये पंक्तियाँ उन्हीं की हैं जो आज नए सिरे से प्रासंगिक हो उठी हैं। बरसों से जारी इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष इस समय एक ख़ूँख़्वार मोड़ पर है। रोज सैकड़ों लोग, बच्चे और औरतें क़त्ल हो रहे हैं।

कहानियों, कविताओं, साहित्यिक-राजनीतिक आलेखों, साक्षात्कारों और टिप्पिणयों का यह संकलन इज़रायल-फ़िलिस्तीन संघर्ष और उसकी सामाजिक-मानवीय परिणतियों का एक पूरा ख़ाका प्रस्तुत कर देता है।

फ़िलिस्तीन और इज़रायल की राजनीति, समाज और साहित्य पर केन्द्रित पुस्तक के तीन अलग-अलग खंडों में हम यहूदियों और अरब फ़िलिस्तीनियों, दोनों के हालात को सम्पूर्णता में समझ सकते हैं। चौथे खंड में नासिरा जी ने अपनी वे रचनात्मक और विश्लेषणात्मक चीज़ें यहाँ प्रस्तुत की हैं जिनसे इन दोनों क़ौमों से सम्बन्धित हर जिज्ञासा का समाधान हो जाता है।

‘फ़िलिस्तीन : एक नया कर्बला’ कह सकते हैं कि इज़रायल और फ़िलिस्तीन समस्या का एक सम्पूर्ण अध्ययन है, जिसमें इसके राजनीतिक, सामाजिक, साहित्यिक और भावनात्मक पहलुओं को बारीक़ी से समझा जा सकता है।

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 272p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Nasera Sharma

Author: Nasera Sharma

नासिरा शर्मा

नासिरा शर्मा का जन्म 22 अगस्त, 1948 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने फ़ारसी भाषा और साहित्य में एम.ए. किया। हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, पश्तो एवं फ़ारसी भाषा पर उनकी गहरी पकड़ है। वह ईरान और अफ़ग़ानिस्तान के समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य, कला व संस्कृति विषयों की विशेषज्ञ हैं। इराक़, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान व भारत के राजनीतिज्ञों तथा प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों के साथ उन्होंने साक्षात्कार किए, जो बहुचर्चित हुए। ईरानी युद्धबन्दियों पर जर्मन व फ़्रांसीसी दूरदर्शन के लिए बनी फ़िल्म में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। सर्जनात्मक लेखन में प्रतिष्ठा प्राप्त करने के साथ ही स्वतंत्र पत्रकारिता में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है।

उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—बहिश्ते जहरा, शाल्मली, ठीकरे की मंगनी, ज़िन्दा मुहावरे, कुइयाँ जान, ज़ीरो रोड, अक्षयवट, अजनबी जज़ीरा, पारिजात, काग़ज़ की नाव, शब्द पखेरू, दूसरी जन्नत, अल्फ़ा-बीटा-गामा (उपन्यास); शामी काग़ज़, पत्थर गली, संगसार, इब्ने मरियम, सबीना के चालीस चोर, ख़ुदा की वापसी, बुतख़ाना, दूसरा ताजमहल, इनसानी नस्ल, सुनहरी उँगलियाँ (कहानी-संग्रह); राष्ट्र और मुसलमान, औरत के लिए औरत, औरत की दुनिया, वो एक कुमारबाज़ थी (लेख-संग्रह), औरत की आवाज़ (साक्षात्कार); जहाँ फ़व्वारे लहू रोते हैं (रिपोर्ताज); यादों के गलियारे (संस्मरण); किताब के बहाने, सबसे पुराना दरख़्त (आलोचना); अफ़ग़ानिस्तान : बुज़कशी का मैदान, मरजीना का देश इराक़ (सम्पूर्ण अध्ययन व शोध); शाहनामा-ए-फ़िरदौसी, ग़ुलिस्तान-ए-सादी, क़िस्सा जाम का, काली छोटी मछली, पोयम ऑफ़ प्रोटेस्ट, बर्निंग पायर, अदब में बायीं पसली (अनुवाद); जब समय बदल रहा हो इतिहास (विविध)। इनके अलावा बाल-साहित्य, दूरदर्शन और रेडियो के लिए भी विपुल लेखन।

ई-मेल : naserasharma22@gmail.com

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