प्यार और मुक्ति इनसान की बुनियादी आकांक्षाएँ हैं। स्वाभाविक और दुर्निवार। लेकिन यही प्यार अगर उसे अपनी सहज गति को बाधित करने वाला बन्धन लगने लगे तो उसे तोड़कर आगे बढ़ने में भी वह एकपल की देरी नहीं करना चाहता। स्वेच्छा से चुनी गई एक राह को छोड़कर किसी और रास्ते पर बढ़ने का यह निर्णय निर्द्वन्द्व नहीं होता लेकिन प्यार की तलाश में इनसान नए रास्ते पर बढ़ने का जोखिम उठा ही लेता है।
‘कुलटा’ प्यार के इसी प्रमेय को साबित करने वाली कहानी है। मिसेज तेजपाल अपने पति के अनुशासनबद्ध अभिजात परिवेश में खुद को बँधा महसूस करती है जबकि उसका व्यक्तित्व किसी निर्बन्ध झरने जैसा है। यौन सम्बन्धों के असन्तुलन और सैनिक जकड़बन्दी से मुक्ति के लिए वह अपने पवित्र प्यार की राह चुनती है। लेकिन एक स्त्री के अपने चुनाव को हमारा आधुनिक समाज कोई मान्यता नहीं देता। यदि वह अपनी राह स्वयं चुनती है तो उसके लिए कोई क्षमा नहीं है। इसे ही वह चुनौती देती है!... मिसेज तेजपाल पागल और कुलटा नहीं तो क्या है ?
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2025 |
Edition Year | 2025, Ed. 1st |
Pages | 96p |
Publisher | Radhakrishna Prakashan |
Dimensions | 20 X 13 X 1 |