Europe Ke Adhunik Kavi

Edition: 2010, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Europe Ke Adhunik Kavi

हिन्दी के तमाम पाठक यूरोप की कविता और कवियों को इक्का-दुक्का तथा अपर्याप्त अनुवादों से जानते हैं। इससे वहाँ के कवियों के बारे में उनकी जानकारी आधी-अधूरी ही रहती है। श्रीप्रकाश मिश्र ने करीब साठ कवियों पर अलग-अलग लगभग पूरी जानकारी इस पुस्तक में समाहित की है, जिससे इस कमी की काफ़ी पूर्ति हो सकेगी। उन्होंने एक भाषा के कवियों को उनके कालक्रम के अनुसार एक साथ रखा है और उस सामाजिक-राजनीतिक पृष्ठभूमि की भी जानकारी दी है जिसमें उनकी कविताओं ने जन्म लिया है। यूरोप की आधुनिकतावादी कविताओं की सामान्य विशेषताओं और स्वयं आधुनिकतावाद पर स्वतंत्र अध्याय उस कविता सम्बन्धी जानकारी को और समृद्ध करते हैं। वे स्वयं कवि हैं और

कवि पर उनकी एक निजी दृष्टि है—इसका भी प्रमाण इस पुस्तक में मिलता है। उम्मीद है, यूरोप की कविता के तमाम पाठकों को यह पुस्तक बड़ी उपादेय होगी।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2010
Edition Year 2010, Ed. 1st
Pages 374p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Shriprakash Mishra

Author: Shriprakash Mishra

श्रीप्रकाश मिश्र

श्रीप्रकाश मिश्र के अबतक पाँच कविता संग्रह : ’मौन पर शब्द’ (1986), ‘शब्द के बारीक तारों से’ (2009), ‘शब्द संभावनाएँ हैं’ (2012), ‘मिअमाड़’ (2015), ‘कि जैसे होना खतरनाक संकेत’ (2017), पाँच उपन्यास : ‘जहाँ बांस फूलते हैं’ (1996), ‘रूपतिल्ली की कथा’ (2006), ‘जो भुला दिये गये’ (2013), ‘आपरेशन खुदाबख्श’ (2015), ‘नदी की टूट रही देह की आवाज’ (2020), चार आलोचना की पुस्तकें ‘यह जो आ रहा है हरा’ (1992), ‘यूरोप के आधुनिक कवि’ (2011), ‘युग की नब्ज’ (2012), ‘रचना का सच’ (2013) के अलावा चिन्तन की पाँच पुस्तकें ‘सोच की दृग छाया’ (2017), ‘उत्तर आधुनिक अवधारणाएं’ (2018) ‘बहस के मुद्दे’ (2019), ‘अहिंसा का उत्तर आधुनिक परिप्रेक्ष्य’ (2021), ‘न्याय: अहिंसक समाज का आधार’ (2022) प्रकाशित हैं। ग्राम जड़हा जिला कुशीनगर (उ.प्र.) के निवासी श्रीप्रकाश मिश्र एम.ए. (राजनीति शास्त्र) और एल-एल.एम हैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय से। विद्यार्थी जीवन में छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। बांग्ला देश की आजादी की लड़ाई में मुक्तिवाहिनी के साथ रहे। केन्द्र सरकार की सेवा में रहते हुए उत्तर-पूर्व, कश्मीर, भूटान, बांग्ला देश आदि में रहे। अब प्रयागराज में रहते हैं और कविता की अनियतकालीन पत्रिका 'उन्नयन' का संपादन/ प्रकाशन करते हैं। रामविलास शर्मा सम्मान के संस्थापक व पुरस्कर्ता हैं।

संपर्क : 406 त्रिवेणी रोड, कीडगंज, प्रयागराज (उ.प्र), पिन : 211003

ई-मेल: spm1950@rediffmail.com

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