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Rooptilli Ki Katha

Edition: 2024, Ed. 3rd
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Rooptilli Ki Katha

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प्रस्तुत उपन्यास मेघालय बसनेवाली ख़ासी जनजाति के सांस्कृतिक जीवन पर आधारित है। इसका कालखंड वह समय है जब एक तरफ़ अँग्रेज़ उन्हें ईसाई बनाने में लगा था तो आसपास का हिन्दू नेतृत्व उन्हें हिन्दू बनाने में। जनजाति दोनों से बचकर अपनी स्वतंत्र पहचान बनाए रखना चाह रही थी। उससे उत्पन्न संघर्ष की गाथा इस कृति में एक बढ़िया कहानी के माध्यम से उभरकर आई है। इसके पन्नों से गुज़रते हुए लगता है कि हम उस जीवन को न केवल देख रहे हैं, वरन् उसे जी भी रहे हैं। वहाँ की धूप, पानी, पहाड़, नदी, वायु, धरती, पेड़, पशु अपने समस्त सौन्दर्य, तेज, वेग और जीवन्तता के साथ मौजूद हैं, जिन्हें हम अपनी प्राणवायु में भरते चलते हैं। कवि होने के नाते लेखक का गद्य हमें बहुत आकृष्ट करता है।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2019
Edition Year 2024, Ed. 3rd
Pages 335p
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 15 X 2
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Shriprakash Mishra

Author: Shriprakash Mishra

श्रीप्रकाश मिश्र

श्रीप्रकाश मिश्र के अबतक पाँच कविता संग्रह : ’मौन पर शब्द’ (1986), ‘शब्द के बारीक तारों से’ (2009), ‘शब्द संभावनाएँ हैं’ (2012), ‘मिअमाड़’ (2015), ‘कि जैसे होना खतरनाक संकेत’ (2017), पाँच उपन्यास : ‘जहाँ बांस फूलते हैं’ (1996), ‘रूपतिल्ली की कथा’ (2006), ‘जो भुला दिये गये’ (2013), ‘आपरेशन खुदाबख्श’ (2015), ‘नदी की टूट रही देह की आवाज’ (2020), चार आलोचना की पुस्तकें ‘यह जो आ रहा है हरा’ (1992), ‘यूरोप के आधुनिक कवि’ (2011), ‘युग की नब्ज’ (2012), ‘रचना का सच’ (2013) के अलावा चिन्तन की पाँच पुस्तकें ‘सोच की दृग छाया’ (2017), ‘उत्तर आधुनिक अवधारणाएं’ (2018) ‘बहस के मुद्दे’ (2019), ‘अहिंसा का उत्तर आधुनिक परिप्रेक्ष्य’ (2021), ‘न्याय: अहिंसक समाज का आधार’ (2022) प्रकाशित हैं। ग्राम जड़हा जिला कुशीनगर (उ.प्र.) के निवासी श्रीप्रकाश मिश्र एम.ए. (राजनीति शास्त्र) और एल-एल.एम हैं इलाहाबाद विश्वविद्यालय से। विद्यार्थी जीवन में छात्र राजनीति में सक्रिय रहे। बांग्ला देश की आजादी की लड़ाई में मुक्तिवाहिनी के साथ रहे। केन्द्र सरकार की सेवा में रहते हुए उत्तर-पूर्व, कश्मीर, भूटान, बांग्ला देश आदि में रहे। अब प्रयागराज में रहते हैं और कविता की अनियतकालीन पत्रिका 'उन्नयन' का संपादन/ प्रकाशन करते हैं। रामविलास शर्मा सम्मान के संस्थापक व पुरस्कर्ता हैं।

संपर्क : 406 त्रिवेणी रोड, कीडगंज, प्रयागराज (उ.प्र), पिन : 211003

ई-मेल: spm1950@rediffmail.com

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