Dhwaniyon Ke Aalok Mein Stree

Author: Mrinal Pande
Edition: 2015, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Dhwaniyon Ke Aalok Mein Stree
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प्रख्यात लेखिका मृणाल पाण्डे की यह नवीनतम कृति संगीत-जगत के अनेक अनदेखे-ओझल वृत्तान्तों का आकलन है इसमें इन गायिकाओं-गवनहारियों के जीवन-संघर्ष का वर्णन है, जिनके सुर और संगीत का आलोक तो हमारे सामने है, लेकिन स्त्री होने के कारण और अपने समय-समाज की कथित कुलीनता के दायरे से बाहर होने के कारण जिन अवरोधों का पग-पग पर उन्हें सामना करना पड़ा, उस अँधेरे का कहीं कोई ज़िक्र नहीं करता गौहर जान से लेकर बेगम अख़्तर तक और मोघूबाई से लेकर गंगूबाई हंगल तक—कलाकारों की एक लम्बी फ़ेहरिस्त यहाँ हम देख सकते हैं, जिन्हें अकल्पनीय प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच संगीत-साधना करनी पड़ी

वास्तव में संगीत के प्रसंग से पाण्डे ने इस किताब में सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास की उस दरार पर रोशनी डाली है, जिसका भरना अब तक बाक़ी है उन्होंने बेहद आत्मीयता से तमाम प्रसंगों का उल्लेख किया है, जिससे पुस्तक ने अकादमिक विवेचना के बजाय एक दिलचस्प अनौपचारिक पाठ की शक्ल ले ली है ज़ाहिर है, यह पाठक के दिल को छू लेती है

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2015
Edition Year 2015, Ed. 1st
Pages 124p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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Mrinal Pande

Author: Mrinal Pande

मृणाल पाण्डे

मृणाल पाण्डे का जन्म 26 फरवरी, 1946 को मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में हुआ। उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. किया। गन्धर्व महाविद्यालय से संगीत विशारद तथा कॉरकोरन स्कूल ऑफ आर्ट, वाशिंगटन से चित्रकला एवं डिजाइन का विधिवत अध्ययन किया। कई वर्षों तक विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में आईं। ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ‘वामा’ तथा ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में समय-समय पर बतौर सम्पादक कार्य किया। स्टार न्यूज और दूरदर्शन के लिए हिन्दी समाचार बुलेटिन का सम्पादन किया। ‘दैनिक हिन्दुस्तान’, ‘कादम्बिनी’ एवं ‘नन्दन’ की प्रधान सम्पादक रहीं। प्रसार भारती की चेयरमैन भी रहीं। फिलहाल ‘नेशनल हेरल्ड समूह’ की वरिष्ठ सलाहकार हैं।

उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं—‘सहेला रे’, ‘विरुद्ध’, ‘पटरंगपुर पुराण’, ‘देवी’, ‘हमका दियो परदेस’, ‘अपनी गवाही’ (उपन्यास); ‘दरम्यान’, ‘शब्दवेधी’, ‘एक नीच ट्रैजिडी’, ‘एक स्त्री का विदागीत’, ‘यानी कि एक बात थी’, ‘बचुली चौकीदारिन की कढ़ी’, ‘चार दिन की जवानी तेरी’, ‘माया ने घुमायो’, (कहानी-संग्रह); ‘ध्वनियों के आलोक में स्त्री’ (संगीत); ‘मौजूदा हालात को देखते हुए’, ‘जो राम रचि राखा’, ‘आदमी जो मछुआरा नहीं था’, ‘चोर निकल के भागा’, ‘सम्पूर्ण नाटक’ और देवकीनन्दन खत्री के उपन्यास ‘काजर की कोठरी’ का इसी नाम से नाट्य-रूपान्तरण (नाटक); ‘स्त्री : देह की राजनीति से देश की राजनीति तक’, ‘स्त्री : लम्बा सफर’, ‘जहाँ औरतें गढ़ी जाती हैं’ (निबन्ध); ‘बन्द गलियों के विरुद्ध’ (सम्पादन); ‘ओ उब्बीरी’ (स्वास्थ्य); मराठी की अमर कृति ‘मांझा प्रवास : उन्नीसवीं सदी’ तथा अमृतलाल नागर की हिन्दी कृति ‘गदर के फूल’ का अंग्रेजी में अनुवाद। अंग्रेजी—‘द सब्जेक्ट इज वूमन’ (महिला-विषयक लेखों का संकलन); ‘द डॉटर्स डॉटर’, ‘माई ओन विटनेस’ (उपन्यास); ‘देवी’ (उपन्यास-रिपोर्ताज); ‘स्टेपिंग आउट : लाइफ एंड सेक्सुअलिटी इन रूरल इंडिया’।

ई-मेल : mrinal.pande@gmail.com

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