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Raja Chamba Aur Char Bhai

Author: Habib Tanveer
Edition: 2025, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Raja Chamba Aur Char Bhai

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‘राजा चम्बा और चार भाई’ हबीब तनवीर का लिखा और उन्हीं के द्वारा खेला गया ऐसा नाटक है जिसकी अपेक्षित चर्चा नहीं हुई। राष्ट्रीय एकता को ध्यान में रखकर लिखा गया यह ‌ऐतिहासिक दिखनेवाला नाटक, किसी समय या किसी मुल्क के इतिहास से तो ताल्लुक़ नहीं रखता, लेकिन इसकी विषयवस्तु हर दौर और हर जगह के लिए आज भी मौज़ूँ है।

राजनीति, जिसका एकमात्र उद्देश्य सत्ता हासिल करना होता है और जिसके लिए वह जन-गण के कल्याण का बहाना करती है, लोगों को बाँटकर ही अपना मनचाहा पाती है। एक काल्पनिक भूगोल में यह नाटक हमारा परिचय कुछ गंभीर वास्तविकताओं से कराता है।

हबीब साहब ने अपने नाटकों में अकसर ही सत्ता और ताक़त को आईना दिखाते हुए अवाम की आवाज़ को बुलन्द किया है। यह नाटक उसी अवाम को एक रहने का सन्देश देता है, और बताता है कि आपसी मन-भेद सिर्फ़ विनाश की ओर ले जाता है।

तीन अंकों और सत्रह दृश्यों में बँटा यह नाटक आज के समय में ख़ासतौर पर प्रासंगिक है। नाट्य-समूह इसे खेलते हुए जिस सार्थकता का अहसास करेंगे, उतना ही उपयोगी यह पाठकों को पढ़ते हुए भी लगेगा।

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Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2025
Edition Year 2025, Ed. 1st
Pages 104p
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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Habib Tanveer

Author: Habib Tanveer

हबीब तनवीर

मशहूर नाटककार और पटकथा लेखक हबीब तनवीर का जन्म 1 सितम्बर, 1923 को रायपुर में हुआ था। वे उर्दू-हिन्दी थियेटर की सबसे चर्चित हस्तियों में से एक थे। उन्होंने कुछ फ़िल्मों में भी अभिनय किया। 1959 में ‘नया थियेटर’ की स्थापना की। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘आगरा बाज़ार’, ‘चरणदास चोर’, ‘हिरमा की अमर कहानी’, ‘बहादुर कलारिन’ आदि।

उन्हें कई राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित किया गया। जिनमें प्रमुख हैं—‘कालिदास सम्मान’ (1990), ‘संगीत नाटक अकादेमी फेलोशिप’ (1996)। 1983 में उन्हें ‘पद्मश्री’ और 2002 में ‘पद्म भूषण’ से अलंकृत किया गया। ‘चरणदास चोर’ नाटक ‘एडिनबर्ग इंटरनेशनल ड्रामा फ़ेस्टिवल’ (1982) में सम्मानित हुआ।

8 जून, 2009 को उनका निधन हुआ। 

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