Paridhi Par Stri

Author: Mrinal Pande
Edition: 2017, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
As low as ₹112.50 Regular Price ₹125.00
10% Off
In stock
SKU
Paridhi Par Stri
- +
Share:

आज स्त्रियों के काम तथा राष्ट्रीय उत्पाद में उनके कुल योगदान का बड़ा महत्त्व राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर स्वीकार कर लिया गया है। यह भी मान लिया गया है कि एक पुरुष को साक्षर बनाने से एक व्यक्ति ही साक्षर होता है, जबकि एक स्त्री के शिक्षित होने से एक पूरा कुनबा! अकाट्य तौर से यह भी प्रमाणित हो चुका है, कि ग़रीबतम तबके की औरतों तक स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारियों तथा सुविधाएँ पहुँचाए बिना संक्रामक रोगों अथवा आबादी पर अंकुश लगाना क़तई नामुमकिन है। इसलिए ज़रूरत है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की वर्तमान रपट का महत्त्व तथा शरणार्थी समस्या का यह अनदेखा पहलू हमारी सरकार भी समझे और इन उपेक्षित स्त्रियों में कौन हिन्दू है, कौन ग़ैर-हिन्दू, इसकी स्वार्थी विवेचना की बजाय उन तक ज़रूरी नागरिक सुविधाएँ और आजीविका के संसाधन पहुँचाने की यथाशीघ्र चेष्टा की जाए, वरना लाख प्रयत्नों के बावजूद राष्ट्रीय प्रगति सही रफ़्तार नहीं पकड़ पाएगी। कवि रहीम ने कहा भी था, कि जिस व्यक्ति को याचक बनकर जाना पड़ता है, वह तो जीते जी मरता है, पर उससे भी गया-गुज़रा वह है, जिसके मुँह से निकलता है ‘नहीं’। क्या इन अधमरी स्त्रियों की ज़रूरतों को जाति-धर्म की तुला पर तौलते हुए हम हर बार राष्ट्र के ज़मीर की हत्या नहीं करते हैं?

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2017
Edition Year 2017, Ed. 1st
Pages 110p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 0.8
Write Your Own Review
You're reviewing:Paridhi Par Stri
Your Rating
Mrinal Pande

Author: Mrinal Pande

मृणाल पाण्डे

मृणाल पाण्डे का जन्म 26 फरवरी, 1946 को मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में हुआ। उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय, इलाहाबाद से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. किया। गन्धर्व महाविद्यालय से संगीत विशारद तथा कॉरकोरन स्कूल ऑफ आर्ट, वाशिंगटन से चित्रकला एवं डिजाइन का विधिवत अध्ययन किया। कई वर्षों तक विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में आईं। ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’, ‘वामा’ तथा ‘दैनिक हिन्दुस्तान’ में समय-समय पर बतौर सम्पादक कार्य किया। स्टार न्यूज और दूरदर्शन के लिए हिन्दी समाचार बुलेटिन का सम्पादन किया। ‘दैनिक हिन्दुस्तान’, ‘कादम्बिनी’ एवं ‘नन्दन’ की प्रधान सम्पादक रहीं। प्रसार भारती की चेयरमैन भी रहीं। फिलहाल ‘नेशनल हेरल्ड समूह’ की वरिष्ठ सलाहकार हैं।

उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं—‘सहेला रे’, ‘विरुद्ध’, ‘पटरंगपुर पुराण’, ‘देवी’, ‘हमका दियो परदेस’, ‘अपनी गवाही’ (उपन्यास); ‘दरम्यान’, ‘शब्दवेधी’, ‘एक नीच ट्रैजिडी’, ‘एक स्त्री का विदागीत’, ‘यानी कि एक बात थी’, ‘बचुली चौकीदारिन की कढ़ी’, ‘चार दिन की जवानी तेरी’, ‘माया ने घुमायो’, (कहानी-संग्रह); ‘ध्वनियों के आलोक में स्त्री’ (संगीत); ‘मौजूदा हालात को देखते हुए’, ‘जो राम रचि राखा’, ‘आदमी जो मछुआरा नहीं था’, ‘चोर निकल के भागा’, ‘सम्पूर्ण नाटक’ और देवकीनन्दन खत्री के उपन्यास ‘काजर की कोठरी’ का इसी नाम से नाट्य-रूपान्तरण (नाटक); ‘स्त्री : देह की राजनीति से देश की राजनीति तक’, ‘स्त्री : लम्बा सफर’, ‘जहाँ औरतें गढ़ी जाती हैं’ (निबन्ध); ‘बन्द गलियों के विरुद्ध’ (सम्पादन); ‘ओ उब्बीरी’ (स्वास्थ्य); मराठी की अमर कृति ‘मांझा प्रवास : उन्नीसवीं सदी’ तथा अमृतलाल नागर की हिन्दी कृति ‘गदर के फूल’ का अंग्रेजी में अनुवाद। अंग्रेजी—‘द सब्जेक्ट इज वूमन’ (महिला-विषयक लेखों का संकलन); ‘द डॉटर्स डॉटर’, ‘माई ओन विटनेस’ (उपन्यास); ‘देवी’ (उपन्यास-रिपोर्ताज); ‘स्टेपिंग आउट : लाइफ एंड सेक्सुअलिटी इन रूरल इंडिया’।

ई-मेल : mrinal.pande@gmail.com

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top