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Bhabendra Nath Saikia
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भवेन्द्रनाथ शइकिया
सुप्रसिद्ध असमिया साहित्यकार भवेन्द्रनाथ शइकिया का जन्म 20 फरवरी, 1932 को हुआ था। लन्दन विश्वविद्यालय से भौतिक शास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय के भौतिक शास्त्र विभाग में बतौर रीडर अध्यापन की शुरुआत की। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘अन्तरीप’, ‘रम्यभूमि’ और ‘आतंकेर शेखोत’ (उपन्यास); ‘प्रहरी’, ‘सेंदूर’, ‘गहाबर’, ‘उपकंठा’, ‘ऐई बंदोरर आबेलि’, ‘बृंदाबन’, ‘तरंग’, ‘संध्या भ्रमण’, ‘गल्प और शिल्प’ (कहानी-संग्रह)। अंग्रेज़ी एवं विभिन्न भारतीय भाषाओं में उनकी रचनाओं के अनुवाद हुए हैं। वे असमिया साप्ताहिक ‘प्रान्तिक’ एवं बच्चों की पत्रिका ‘सफूरा’ के संस्थापक सम्पादक थे। उन्होंने आकाशवाणी के लिए नाटक भी लिखे। बतौर नाटककार मोबाइल थियेटर से जुड़े रहे। आठ फ़िल्मों का निर्देशन एवं पटकथा लेखन भी किया। अन्तरराष्ट्रीय फ़िल्म समारोहों में इन फिल्मों के प्रदर्शन हुए हैं।
उन्हें 1976 में ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ से पुरस्कृत और 2001 में ‘पद्मश्री’ से अलंकृत किया गया।
उनका निधन 13 अगस्त, 2003 को हुआ।