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Naya Sahitya, Nai Sambhavanayein

Edition: 2025, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Naya Sahitya, Nai Sambhavanayein

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‘अज्ञेय अपनी विलक्षण मेधा के साथ पारम्परिक प्रज्ञा से संवाद और विसंवाद दोनों का सिलसिला रचते हैं। इसके द्वारा पुरानी अवधारणाएँ पुनरीक्षित और पुनःपरिभाषित भी हो जाती हैं।’ और, ‘शमशेर अमूर्त उपमा के जितने प्रकार अपनी कविता में रचते हैं, उतने अन्यत्र कम मिलते हैं। वे अमूर्त से मूर्त को उपमित करते हैं, मूर्त से अमूर्त को उपमित करते हैं, तो अमूर्त से अमूर्त को भी उपमित करते हैं।’

हिन्दी के दो विशिष्ट कवियों के विषय में ये टिप्पणियाँ हैं वरिष्ठ साहित्य-चिन्तक एवं संस्कृति-चेता राधावल्लभ त्रिपाठी की, जो ‘नया साहित्‍य, नई सम्‍भावनाएँ’ पुस्तक में संकलित आलेखों का हिस्सा हैं।

इनके अलावा इस पुस्तक में धर्मवीर भारती, आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, हरिशंकर परसाई, नामवर सिंह, अष्टभुजा शुक्ल, अनामिका और गगन गिल की पुस्तकों और उनके रचनात्मक आयामों पर विवेचनात्मक आलेख भी शामिल हैं। कुछ वे निबन्ध भी इस पुस्तक में संकलित हैं जिनमें वे विमर्श के ऐसे सैद्धान्तिक आधारों की तलाश करते हैं जो समकालीन रचनात्मकता के अनुशीलन के लिए आलोचना की भूमि बन सकें।

राधावल्लभ त्रिपाठी हिन्दी के वर्तमान परिदृश्य में उपस्थित ऐसे कुछ आलोचक-चिन्तकों में से एक हैं जिनकी विवेचना हमें सोचने और बरतने के लिए एक समृद्ध भाषा देती है और भारतीय चिन्तन के लम्बे इतिहास में गढ़े गए सैद्धान्तिक उपकरणों से परिचित कराती है।

उनके इधर के चिन्तन से उपजे इन निबन्धों से साहित्य के अध्येता और सर्जक, दोनों ही निस्सन्देह लाभान्वित होंगे।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2025
Edition Year 2025, Ed. 1st
Pages 240p
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Radhavallabh Tripathi

Author: Radhavallabh Tripathi

राधावल्लभ त्रिपाठी

राधावल्लभ त्रिपाठी का जन्म 15 फरवरी, 1949 को मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में हुआ। उन्होंने एम.ए., पी-एच.डी., डी.लिट्. की उपाधि प्राप्त की। सन् 1970 से विश्वविद्यालयों में अध्यापन। शिल्पाकार्न विश्वविद्यालय, बैंकॉक; कोलम्बिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क में संस्कृत के अतिथि आचार्य। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान में पाँच वर्ष (2008-13) कुलपति। शिमला स्थित भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में फेलो।

समीक्षात्मक पुस्तकें ‘आदिकवि वाल्मीकि’, ‘संस्कृत कविता की लोकधर्मी परम्परा’, ‘संस्कृत काव्यशास्त्र और काव्य-परम्परा’, ‘नाट्यशास्त्र विश्वकोश’, ‘बहस में स्त्री’, ‘नया साहित्य : नया साहित्यशास्त्र’, ‘भारतीय काव्यशास्त्र की आचार्य-परम्परा’ प्रकाशित। हिन्दी में दो उपन्यास और तीन कहानी-संग्रह व अनेक नाटक तथा संस्कृत में तीन मौलिक उपन्यास, दो कहानी-संग्रह, तीन पूर्णाकार नाटक तथा एक एकांकी-संग्रह प्रकाशित। ‘सागरिका’, ‘नाट्यम्’ आदि पत्रिकाओं का सम्पादन।

‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘शंकर पुरस्कार’, कनाडा के ‘रामकृष्ण संस्कृति सम्मान’, यू.जी.सी. के ‘वेदव्यास सम्मान’, महाराष्ट्र शासन के ‘जीवनव्रती संस्कृत सम्मान’ सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित।

ई-मेल : radhavallabh2002@gmail.com

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