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Garden Of Eden Urf Sai Society

Author: Makarand Sathe
Translator: Gorakh Thorath
Edition: 2025, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
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Garden Of Eden Urf Sai Society
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समकालीन मराठी साहित्य-जगत में एक उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में स्वीकृत ‘गार्डन ऑफ़ ईडन उर्फ़ साईं सोसायटी’ उपन्यास हमारे आसपास की दुनिया का बयान है जो यूँ तो तमाम रंगीनियों और हलचलों से भरी हुई है लेकिन इसमें हरेक आदमी एक वीराने में फँसा हुआ है। यह वीराना अभाव से भी उपजा है और अधिकता से भी; विचार से भी उपजा है और विचारहीनता से भी। बहुप्रचारित और सर्वस्वीकृत विकास ने समाज में अनगिनत दरारें पैदा कर दी हैं। खंडित अस्मिताएँ लोगों को कभी हिंसा की ओर धकेलती हैं तो कभी निविड़ एकान्त की ओर। गढ़ी हुई वास्तविकता वास्तविक वास्तविकता पर भारी पड़ रही है। इस तरह पूरा समय ही एक रेगिस्तान में तब्दील होता जा रहा है। प्रेम का टिके रहना मुश्किल हो रहा है, जबकि जातिवाद, कट्टरता और तानाशाही निरन्तर बढ़ रही हैं। हिंसा क्रूर से क्रूरतर रूप धरकर सामने आ रही है।

‘गार्डन ऑफ़ ईडन उर्फ़ साईं सोसायटी’ आधुनिक जीवन के लगातार विद्रूप होते जाने के मौजूदा दौर में मानवीय भविष्य से जुड़े प्रश्नों पर गहराई से विचार करने वाली एक प्रयोगशील कृति है, एक बेहद दिलचस्प और विचारोत्तेजक उपन्यास।

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Gorakh Thorath
Editor Not Selected
Publication Year 2025
Edition Year 2025, Ed. 1st
Pages 208p
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 20 X 13 X 1
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Makarand Sathe

Author: Makarand Sathe

मकरंद साठे

मकरंद साठे का जन्म 29 अगस्त, 1957 को हुआ। उन्होंने वास्तुकला इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद पेशेवर वास्तुकार और इंटीरियर डिज़ाइनर के रूप में लगभग पच्चीस वर्ष तक काम किया। फिर पूरी तरह लेखन को समर्पित हो गए। 1996 से आज तक पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केन्द्र विभाग में विज़िटिंग लेक्चरर हैं। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस स्टडी, शिमला में नेशनल फ़ेलो रह चुके हैं। नवोन्वेषी नाटककार और लेखक के रूप प्रसिद्ध मकरंद साठे ने मराठी नाटक और साहित्य को नई दिशा दी है। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—रोमन साम्राज्याची पडझड, चारशे कोटी विसरभोळे, सापत्नेकराचं मूल, ऐसपैस सोईने बैस, ठोंब्या, सूर्य पाहिलेला माणूस, डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट गोळायुग डॉट कॉम, चौक, ते पुढे गेले, दलपतसिंग येती गावा, घर, वाढदिवस, आषाढ बार, एक्झिट (नाटक); अच्युत आठवले अणि आठवन, ऑपरेशन यमु, काळे रहस्य, गार्डन ऑफ़ ईडन उर्फ़ साई सोसायटी, मेलेल्या लेखकांची चौकशी, ​त्रिविधा (उपन्यास); मराठी रंगभूमीच्या तीस रात्री (तीन खंडों में मराठी थियेटर का इतिहास)। उनके कई नाटकों का अंग्रेज़ी, फ़्रेंच, हिन्दी, उर्दू, कन्नड़ आदि भाषाओं में अनुवाद हुआ है। नाटक-लेखन के साथ-साथ उन्होंने मंच डिज़ाइन और थिएटर-निर्देशन के क्षेत्र में भी काम किया है। कई फ़िल्मों की पटकथाएँ लिखी हैं और फ़िल्मों का निर्देशन भी किया है।

उन्हें दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, कलागौरव पुरस्कार, श्री. जे. जोशी पुरस्कार, एच.एस. आप्टे पुरस्कार, जयवन्त दलवी पुरस्कार, महाराष्ट्र फाउंडेशन पुरस्कार, नाट्यदर्पण पुरस्कार, साहनी पुरस्कार और गंगाधर गाडगिल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

ई-मेल : makarand.sathe@gmail.com

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