Awaak : Kailash - Mansarovar : Ek Antaryatra

Author: Gagan Gill
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Awaak : Kailash - Mansarovar : Ek Antaryatra
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किसी भी यात्रा में भूगोल कुछ-न-कुछ बदलता है। जगहें, चेहरे, घटनाएँ, दृश्य आदि बदलते हैं पर हर यात्रा ज़रूरी नहीं कि अन्तर्यात्रा हो। जब होती है तो हम भी साथ-साथ बदलते हैं, हमारी आन्तरिकता का भूगोल भी बदल जाता है। ऐसी यात्राओं के वृत्तान्त बिरले हैं। कवयित्री गगन गिल का यह अन्तर्यात्रा-वृत्तान्त हिन्दी में एक अनोखा दस्तावेज़ है जिसमें वृत्तान्त का टीसपन, कथा का प्रवाह और कविता की सघन आत्मीयता सब एक साथ है। उसमें स्मृतियों, संस्कारों, अन्तर्ध्वनियों, जीवन की लयों आदि सबका एक वृन्दवादन लगातार सुनाई देता है। कुछ इस तरह का भाव कि सब कुछ एक-दूसरे से जुड़ा है, प्रतिकृत और झंकृत है।
इस अन्तर्यात्रा में अनेक व्यक्ति आते-जाते हैं, उनकी छवियाँ, उक्तियाँ, संवाद, भंगिमाएँ और क्रियाएँ-प्रतिक्रियाएँ बेहद संवेदनशीलता से अपनी समूची चित्रमयता में उकेरी गई हैं। कैलाश-मानसरोवर जाते और वहाँ से लौटते मानो एक तरह की कथायात्रा भी चलती रहती है। प्रकृति, मनुष्य, हिमालय, ठंड, झीलें, नदियाँ, जल, वायु आदि सब एक निरन्तर प्रवाह में हैं, कभी आकस्मिक, कभी अप्रत्याशित, कभी रहस्यमय, कभी कुतूहल उपजाते, कभी नीरव, कभी घोर विस्मय में डालते लोग, घटनाएँ, दृश्य आदि हमें चुपचाप अनुभव और भावनाओं के एक ऐसे भौतिक देश और अन्तर्देश में ले जाते हैं जिनमें हममें से अधिकतर, शायद ही पहले कभी गये हों।
यह अनूठा गद्य है जिसमें गद्य और कविता, वृत्तान्त और चिन्तन के पारम्परिक द्वैत झर गये हैं और जिसमें होने की, मनुष्य होने के रहस्य और विस्मय का निर्मल आलोक, अपनी कई मोहक रंगतों में आर-पार फैला हुआ है।
—अशोक वाजपेयी

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 222p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 20 X 12.5 X 1.5
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Gagan Gill

Author: Gagan Gill

गगन गिल

गगन गिल हिन्दी कविता-साहित्य का एक अनिवार्य नाम हैं। उनका जन्म 1959 में नई दिल्ली में हुआ था। 1983 में ‘एक दिन लौटेगी लड़की’ कविता-शृंखला के प्रकाशित होते ही उनकी कविताओं ने सबका ध्यान आकर्षित किया। तब से उनकी रचनाशीलता साहित्य के अध्येताओं, पाठकों और आलोचकों के विमर्श का हिस्सा रही है। अब तक पाँच कविता-संग्रह और चार गद्य कृतियाँ प्रकाशित। पत्रकारिता से भी नाता रहा। एशिया, यूरोप और अमेरिका के अनेक देशों की साहित्यिक यात्राएँ कर चुकी हैं। ‘भारतभूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार’ (1984), ‘संस्कृति सम्मान’ (1989), ‘केदार सम्मान’ (2000), ‘हिन्दी अकादमी साहित्यकार सम्मान’ (2008) और ‘द्विजदेव सम्मान’ (2010) से सम्मानित।

ई-मेल : gagangill791@hotmail.com

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