Main Jab Tak Aayi Bahar

Author: Gagan Gill
Edition: 2024, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Main Jab Tak Aayi Bahar
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‘मैं क्यों कहूँगी तुम से/अब और नहीं/सहा जाता/मेरे ईश्वर’—गगन गिल की ये काव्य-पंक्तियाँ किसी निजी पीड़ा की ही अभिव्यक्ति हैं या हमारे समय के दर्द का अहसास भी? और जब यह पीड़ा अपने पाठक को संवेदित करने लगती है तो क्या वह अभिव्यक्ति प्रकारान्तर से प्रतिरोध की ऐसी कविता नहीं हो जाती, जिसमें ‘दर्दे-तनहा’ और ‘ग़मे-ज़माना’ का कथित भेद मिटकर ‘दर्दे-इनसान’ हो जाता है? कविता इसी तरह इतिहास अर्थात समय का काव्यान्तरण सम्भव करने की ओर उन्मुख होती है।

गगन गिल की इन आत्मपरक-सी लगती कविताओं के वैशिष्ट्य को पहचानने के लिए मुक्तिबोध के इस कथन का स्मरण करना उपयोगी हो सकता है कि कविता के सन्दर्भ ‘काव्य में व्यक्त भाव या भावना के भीतर से भी दीपित और ज्योतित’ होते हैं, उनका स्थूल संकेत या भाव-प्रसंगों अथवा वस्तु-तथ्यों का विवरण आवश्यक नहीं है। इन कविताओं का अनूठापन इस बात में है कि वे एक ऐसी भाषा की खोज करती हैं, जिसमें सतह पर दिखता हल्का-सा स्पन्दन अपने भीतर के सारे तनावों-दबावों को समेटे होता है—बाँध पर एकत्रित जलराशि की तरह।

यह भी कह सकते हैं कि ये कविताएँ प्रार्थना के नये-से शिल्प में प्रतिरोध की कविताएँ हैं—प्रतिरोध उस हर सत्ता-रूप के सम्मुख जो मानवत्व मात्र पर, स्त्रीत्व पर भी, आघात करता है। इन आघातों का दर्द अपने एकान्त में सहने पर ही कवि-मन पहचान पाता है कि ‘मैं जब तक आयी बाहर एकान्त से अपने/बदल चुका था मर्म भाषा का’। ये कविताएँ काव्य-भाषा को उसकी मार्मिकता लौटाने की कोशिश कही जा सकती हैं।

—नन्दकिशोर आचार्य

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 168p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21 X 13.5 X 1.5
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Gagan Gill

Author: Gagan Gill

गगन गिल

गगन गिल हिन्दी कविता-साहित्य का एक अनिवार्य नाम हैं। उनका जन्म 1959 में नई दिल्ली में हुआ था। 1983 में ‘एक दिन लौटेगी लड़की’ कविता-शृंखला के प्रकाशित होते ही उनकी कविताओं ने सबका ध्यान आकर्षित किया। तब से उनकी रचनाशीलता साहित्य के अध्येताओं, पाठकों और आलोचकों के विमर्श का हिस्सा रही है। अब तक पाँच कविता-संग्रह और चार गद्य कृतियाँ प्रकाशित। पत्रकारिता से भी नाता रहा। एशिया, यूरोप और अमेरिका के अनेक देशों की साहित्यिक यात्राएँ कर चुकी हैं। ‘भारतभूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार’ (1984), ‘संस्कृति सम्मान’ (1989), ‘केदार सम्मान’ (2000), ‘हिन्दी अकादमी साहित्यकार सम्मान’ (2008) और ‘द्विजदेव सम्मान’ (2010) से सम्मानित।

ई-मेल : gagangill791@hotmail.com

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