रवीन्द्रनाथ टैगोर हमारे लिए प्रकाश और समरसता की आस्था के जीवित प्रतीक रहे हैं। वे मुक्त पंछी के समान आँधी और तूफ़ान के बीच शाश्वत-काल के संगीत की रचना करते रहे हैं। उनकी उत्कृष्ट कला कभी भी स्वतंत्रता के हित में मानवीय संकटों और जनता के वीरतापूर्ण संघर्षों के प्रति उदासीन नहीं रही। जैसा कि महात्मा गांधी ने कहा है—वे महान प्रहरी हैं। टैगोर ने संकट के क्षणों में अपने देशवासियों और दुनिया की स्पष्ट और निर्भय दृष्टि से पहरेदारी की है। हम आज जो कुछ भी हैं और जो कुछ हमने सीखा है, वह सब उनकी कविता और प्रेम की अजस्र सरिता से अभिसिंचित हैं या जुड़े हुए हैं।
—रोमां रोलां
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2013 |
Edition Year | 2013, Ed. 1st |
Pages | 392p |
Publisher | Radhakrishna Prakashan |
Dimensions | 22 X 14.5 X 2.5 |