Rajendra Prasad Pandey
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राजेन्द्र प्रसाद पांडेय
राजेन्द्र प्रसाद पांडेय का जन्म 25 जून, 1947 को अर्का, कौशांबी, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने एम.ए.,पी-एच.डी. (हिन्दी) और साहित्याचार्य (संस्कृत) की उपाधि प्राप्त की। भाषा-विज्ञान में डिप्लोमा किया। कुछ समय असिस्टेंट प्रोफेसर रहे। फिर प्रशासनिक सेवा में आ गए। विभिन्न वरिष्ठ पदों पर रहते हुए प्रमुख सचिव पद से सेवानिवृत्त।
हिन्दी में प्रकाशित उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—‘गाँव-बेगाँव’ (उपन्यास); ‘फरिश्ते’ (कहानी-संग्रह); ‘फूटती नदी’, ‘नदी में नदी’, ‘नदी चक्र’ (कविता-संग्रह); ‘नदिया नाव संजोग’ (संस्मरण); ‘साहित्य का आभामंडल’, ‘प्रीति न करियो कोय’, (ललित निबन्ध), ‘रचना और आज की चुनौतियाँ’, ‘हिन्दी कहानी : संवेदना और शिल्प’, ‘हिन्दी और देवनागरी’ (समालोचना)। प्रमुख संस्कृत कृतियाँ हैं—‘वेद महत्त्वम्’, ‘कर्म विमर्श:’, ‘लौकिक रुद्राष्टाध्यायी’, ‘कालिदास का फलितार्थ’, ‘जीवनचिंतनम्’, ‘नवदृष्टि गीता’; ‘विश्व लघुकथावली’ (सम्पादन)। साहित्यिक पत्रिका ‘नान्दी’ का सन् 1986 से सम्पादन किया।
उ.प्र. हिन्दी संस्थान से ‘गाँव-बेगाँव’ पुरस्कृत। ‘साहित्य शिरोमणि सम्मान’ से सम्मानित। ‘महामहोपाध्याय’ तथा ‘विद्यासागर’ उपाधियाँ प्राप्त हैं।
26 अगस्त, 2019 को उनका निधन हुआ।