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Tumhein Pyar Karte Hue : Prem Kavitayen-E-Book

Author: Pawan Karan
Edition: 2020, 1st Ed.
Language: Hindi
Publisher: Radhakrishna Prakashan
Special Price ₹112.50 Regular Price ₹150.00
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9788183619547-ebook

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घृणाजीवी राजनीति और घृणापोषित सामाजिकता के इस दौर में प्रेम! प्रेम के विरुद्ध गँड़ासे और तलवारें लिए खड़ी खाप पंचायतों, लव जेहाद कहकर प्रेम को कहीं भी कटघरे में खड़ा कर देनेवाली राजनीति और प्रेमियों के पीछे दौड़ते एंटी-रोमियो स्क्वैड्स के इस दौर में प्रेम! कहने की ज़रूरत नहीं कि प्रेम और मनुष्य पर फबनेवाली अन्य सकारात्मक गतिविधियों के लिए यह दौर अत्यन्त निराशाजनक है।

लेकिन प्रेम फिर भी होता है। यह जीवन की उन साँसों में एक है जो कितनी भी ठोस शिलाओं के बीच से अपनी प्राणवायु खींच लेती हैं। वह है और रहेगा।

पवन करण की प्रेम कविताओं का यह संग्रह इक्कीसवीं सदी की दूसरी दहाई के इन वर्षों की घनी होती घुटन के बीच एक ताजा साँस की तरह आया है। हिन्दी के मौजूदा कविता-बहुल समय में बहुत कम ही ऐसे चित्र मिलते हैं जिनसे कोई बिम्ब हमारे मन में सजीव साकार हो जाता हो।

ये कविताएँ अपनी मांसलता और अपनी ऐन्द्रिय अभिव्यक्ति के चलते प्रेम तथा साहचर्य के ऐसे अनेक चित्र हमें देती हैं जो कल्पना और सृजनात्मकता से वंचित किए जा रहे हमारे समूह-मन के लिए राहत लेकर आते हैं। ये कविताएँ प्रेम के पक्ष में, प्रेम करने की प्रेरणा के तौर पर नहीं, प्रेम को जीने के लिए पढ़ी जानी चाहिए। इन्हें पढ़ते हुए आप अचानक अपने उस वर्तमान के प्रति क्षोभ से व्याकुल भी हो सकते हैं जिसकी हर कोशिश प्रेम के ख़िलाफ़ जा रही है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2020
Edition Year 2020, 1st Ed.
Pages 136p
Price ₹150.00
Publisher Radhakrishna Prakashan
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Pawan Karan

Author: Pawan Karan

पवन करण

जन्म : 18 जून, 1964; ग्वालियर (म.प्र.)।

शिक्षा : पीएच.डी. (हिन्दी), जनसंचार एवं मानव संसाधन विकास में स्नातकोत्तर पत्रोपाधि।

प्रकाशित काव्य-संग्रह : 'इस तरह मैं', 'स्त्री मेरे भीतर', 'अस्पताल के बाहर टेलीफ़ोन', 'कहना नहीं आता', 'कोट के बाज़ू पर बटन', 'कल की थकान' और 'स्त्रीशतक' खंड–एक एवं 'स्त्रीशतक' खंड–दो प्रकाशित।

अॅंग्रेज़ी, रूसी, नेपाली, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, गुजराती, असमिया, बांग्ला, पंजाबी, उड़िया तथा उर्दू में कविताओं के अनुवाद। कविताएँ विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रमों में शामिल।

कविता-संग्रह 'स्त्री मेरे भीतर' मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, उर्दू तथा बांग्ला में प्रकाशित। संग्रह की कविताओं का नाट्य-मंचन।

सम्मान : ‘रामविलास शर्मा पुरस्कार’, ‘रज़ा पुरस्कार’, ‘वागीश्वरी सम्मान’, ‘शीला सिद्धांतकर स्मृति सम्मान’, ‘परम्परा ऋतुराज सम्मान’, ‘केदार सम्मान’, ‘स्पंदन सम्मान’।

सम्प्रति : 'नवभारत' एवं 'नई दुनिया' ग्वालियर में साहित्यिक पृष्ठ 'सृजन' का सम्पादन तथा साप्ताहिक साहित्यिक स्तम्‍भ 'शब्द-प्रसंग' का लेखन।

 

 

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