Satrein Aur Satrein

Author: Anita Rakesh
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Satrein Aur Satrein

यह पुस्तक कथाकार मोहन राकेश के बारे में है जिसे लिखा है—अनीता राकेश ने। यह अनीता जी के अपने बारे में भी है; राकेश जी से उनके रिश्ते के बारे में भी। और इसकी विशेषता है, एक ऐसी क़लम से लिखा जाना जिसने लिखा बहुत कम, और जिया बहुत ज़्यादा। यही वजह है कि आप इसे एक ही बैठक में पढ़ने को बाध्य हो जाते हैं।

मोहन राकेश का अपना जीवन अनेक विडम्बनाओं, दु:खों और परेशानियों में बीता, उनका वैवाहिक जीवन कभी उस तरह सन्तोषजनक नहीं रहा, जैसे सामान्यत: लोगों का होता है। अनीता जी ने जब उनके जीवन में क़दम रखा, तब वे उनसे बहुत छोटी थीं, बहुत लम्बे समय उनके साथ रह भी नहीं पाईं। इससे पहले कि उनके रिश्ते एक स्थिर जीवन में बदलते, राकेश दुनिया छोड़ गए।

इस किताब में उन पेचीदगियों का वर्णन है जिससे कुछ समय के साथ के दौरान, ख़ासकर अनीता जी गुज़रीं, और राकेश भी। इसके बाद उस समय की कथा है जब वे अचानक अकेली रह गईं। एक तरफ़ भावनात्मक अकेलापन और दूसरी तरफ़ जीवन की व्यावहारिक चुनौतियाँ। इस किताब के पन्नों पर इस सबको बिना किसी आलंकारिकता के प्रस्तुत कर दिया गया है।

यह इस संस्मरण शृंखला की दूसरी पुस्तक है। इसमें हम मोहन राकेश के बारे में जितना जान पाते हैं, उतनी ही उस दौर के साहित्यिक माहौल के बारे में भी, और उतना ही मनुष्य जीवन की विकट सच्चाइयों के बारे में भी।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2002
Edition Year 2002, Ed. 1st
Pages 164p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Anita Rakesh

Author: Anita Rakesh

अनीता राकेश

जन्म : 3 अगस्त, 1941; लाहौर में।

शिक्षा : आरम्भिक शिक्षा मसूरी के हैम्प्टन कोर्ट स्कूल में, बाद में बी.ए., बीएड.।

कुछ वर्ष स्प्रिंगडेल और मॉडर्न स्कूल में पढ़ाया।

दूरदर्शन पर दिखाए जा रहे 'पत्रकारिता’ प्रोग्राम की नींव कमलेश्वर जी और अनीता जी ने डाली थी, और काफ़ी दूर तक चलाया था। उन दिनों प्रोग्राम लाइव व चुनौतीपूर्ण हुआ करते थे।...और वह प्रोग्राम आज तक सफलतापूर्वक चल रहा है।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘चन्द सतरें और’, ‘सतरें और सतरें’, ‘अन्तिम सतरें’, ‘अतिरिक्‍त सतरें’ (आत्मकथ्य); ‘एक दूसरा अलास्का’ (कहानी-संग्रह); ‘गुरुकुल—1’, ‘गुरुकुल—2’ (उपन्यास)।

हेनरी जेम्स की पुस्तक ‘पोट्रैट ऑफ़ लेडी’ तथा एडिता मॉरेस की पुस्तक ‘फ़्लावर ऑफ़ हिरोशिमा’ का हिन्दी में अनुवाद।

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