Atirikta Sataren

Memoirs
Author: Anita Rakesh
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Atirikta Sataren
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‘चन्द सतरें और’, ‘सतरें और सतरें’, ‘अन्तिम सतरें’ और अब यह ‘अतिरिक्त सतरें’—यह शृंखला अनीता राकेश की उन यादों का सफ़र है, जिन्हें उन्होंने मोहन राकेश के साथ बिताए अपने जीवन में सँजोया। इस सफ़र में उन्होंने अपनी उन ख़ुशियों, चुनौतियों, परेशानियों और दु:खों का बेबाक वर्णन किया है जो उनके आजीवन अनुभव का हिस्सा होकर रह गए।

राकेश से मुलाक़ात के समय वह स्वयं लेखक नहीं थीं, लिखना उन्होंने बाद में शुरू किया, जिसके पीछे कुछ राकेश की प्रेरणा का बल था, और कुछ नए अनुभवों की अतिरिक्त का आवेग। परिणाम यह कि कहानीकार के रूप में भी उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई, लेकिन ज़्यादा वक़्त नहीं बीता कि मोहन राकेश अकाल ही हमसे और उनसे विदा हो गए। यह घटना उनके लिए एक बड़ी त्रासदी थी जिससे उबरने की प्रक्रिया में ही इन पुस्तकों
की रचना सम्भव हुई और अनीता जी के लिए यह प्रक्रिया आज दशकों बाद भी जारी

है।

‘अतिरिक्त सतरें’ में उन्होंने वापस उन दिनों को टटोला है जब वे राकेश से मिलीं, उनको समझना शुरू किया और अन्तत: एक सपने के सच होने की तरह वे एक हो गए।

उम्मीद है सतरें-शृंखला की अन्य पुस्तकों की तरह यह कड़ी भी पाठकों को अपने मन के नज़दीक लगेगी।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 63p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1
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Editorial Review

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Anita Rakesh

Author: Anita Rakesh

अनीता राकेश

जन्म : 3 अगस्त, 1941; लाहौर में।

शिक्षा : आरम्भिक शिक्षा मसूरी के हैम्प्टन कोर्ट स्कूल में, बाद में बी.ए., बीएड.।

कुछ वर्ष स्प्रिंगडेल और मॉडर्न स्कूल में पढ़ाया।

दूरदर्शन पर दिखाए जा रहे 'पत्रकारिता’ प्रोग्राम की नींव कमलेश्वर जी और अनीता जी ने डाली थी, और काफ़ी दूर तक चलाया था। उन दिनों प्रोग्राम लाइव व चुनौतीपूर्ण हुआ करते थे।...और वह प्रोग्राम आज तक सफलतापूर्वक चल रहा है।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘चन्द सतरें और’, ‘सतरें और सतरें’, ‘अन्तिम सतरें’, ‘अतिरिक्‍त सतरें’ (आत्मकथ्य); ‘एक दूसरा अलास्का’ (कहानी-संग्रह); ‘गुरुकुल—1’, ‘गुरुकुल—2’ (उपन्यास)।

हेनरी जेम्स की पुस्तक ‘पोट्रैट ऑफ़ लेडी’ तथा एडिता मॉरेस की पुस्तक ‘फ़्लावर ऑफ़ हिरोशिमा’ का हिन्दी में अनुवाद।

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