Satrangi Chiriya

Author: Rekha Agrawal
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Satrangi Chiriya
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‘सतरंगी चिड़िया’ में अनोखा न्याय, चिंटू की चतुराई, फुलवन्ती, खलीफा की पगड़ी, सुनहरा फूल, निशाना और सतरंगी चिड़िया शीर्षक से कुल सात बाल-कहानियाँ हैं जो नैतिक शिक्षा और बाल मनोविज्ञान की पड़ताल करती हैं।

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2007
Edition Year 2007
Pages 36p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 18 X 0.2
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Author: Rekha Agrawal

रेखा अग्रवाल

जन्म : 11 अगस्त, 1957

लेखक, कथाकार, स्तम्भकार, सम्पादक तथा जीव–विज्ञानी। उनकी कहानियों में भारतीय समाज में व्याप्त कुरीतियों, अन्‍धविश्वासों और जेंडर डिवाइड के विरोध में सच्ची, साफ़-सुथरी तहरीक है, जीव-विज्ञान में हो रही द्रुत प्रगति के साथ समाज में उठ रहे नए अन्तर्विरोर्धों, द्वन्द्वों का जीवट खुलासा है और सामाजिक रिश्तों को नए सिरे से व्याख्यायित करने का साहस है। रेखा जी की कहानियाँ 1980 के दशक से न सिर्फ़ वयस्कों को, बल्कि बच्चों को भी उद्वेलित–रोमांचित करती आई हैं।

विविध सामाजिक विषयों पर लिखने के साथ–साथ डॉ. रेखा अग्रवाल ने विज्ञान, स्वास्थ्य विज्ञान और विविध–विधान के महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में भी प्रचुर रूप से लिखा है। हिन्दी साहित्य में इन अनछुए विषयों पर क़लम उठानेवाली वह उन चुनिन्दा लेखकों में से हैं जिन्होंने समय की ज़रूरत को पूरा करते हुए नए मुहावरों और संज्ञाओं की रचना की।

रेखा अग्रवाल की कहानियाँ, लेख और पुस्तकें अनेक भारतीय भाषाओं में अनूदित की जा चुकी हैं। अपने साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। इन पुरस्कारों में हिन्दी अकादमी, दिल्ली का ‘साहित्यकार सम्मान’, मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार का ‘डॉ. आत्माराम पुरस्कार’, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार का ‘राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार’ और ‘डॉ. मेघनाद साहा पुरस्कार’, स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार का ‘कृति पुरस्कार’ और ‘हिन्दी अकादमी’ का ‘बाल साहित्य पुरस्कार’ ख़ास तौर पर उल्लेखनीय हैं।

रेखा अग्रवाल देश के सर्वोच्च शिक्षा अनुसंधान संस्थान एन.सी.ई.आर.टी. में वरिष्ठ सम्पादक हैं और अपने डॉक्टर पति और परिवार के साथ दिल्ली में रहती हैं।

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