Nari Shareer Ke Rahashya

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Nari Shareer Ke Rahashya
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‘नारी शरीर के रहस्य’ सरल और दिलचस्प शैली में रची गई अनूठी पुस्तक है। इसमें नारी शरीर के भीतर छुपी विराट दुनिया, उसके सातों सुरों और सम्पूर्ण रागों की सुरुचिपूर्ण प्रामाणिक व्याख्या है। किशोर अवस्था से प्रौढ़ा होने तक नारी के शरीर में क्या-क्या परिवर्तन आते हैं—तरुणाई में तन-मन कैसे सयानेपन की ओर बढ़ एक नया सफ़र शुरू करते हैं? कैसे और कब मासिक-धर्म की शुरुआत होती है? हर चन्द्र मास के साथ स्‍त्री की देह की आन्तरिक लय-ताल में क्या-क्या परिवर्तन आते हैं, कैसे वह अपने भीतर नए जीवन का बीज रोपने की तैयारी करती है, और कैसे रजोनिवृत्ति का समय आने पर वह मासिक चक्र के बन्धन से मुक्त हो जाती है, इसका साफ़-सुथरा वर्णन हमें इस पुस्तक में मिलता है।

जानकारियाँ ऐसी कि ये न सिर्फ़ हर स्त्री के लिए उपयोगी हैं, बल्कि पुरुषों के लिए भी बोधकर हैं, इससे वह अपनी संगिनी के तन-मन की भाषा पढ़ सकता है।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2006
Edition Year 2009, Ed. 1st
Pages 63p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
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Yatish Agarwal

Author: Yatish Agarwal

डॉ यतीश अग्रवाल

एम.बी.बी.एस., एम.डी., डी.एस.सी.

जन्म: 20 जून, 1959; बरेली (उ.प्र.)। आरम्भिक शिक्षा दिल्ली एवं लखनऊ में। आयुर्विज्ञान की उच्चतर शिक्षा यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली; बल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली; किंग्जवे कैंप टी.बी. अस्पताल, दिल्ली और सफदरजंग अस्पताल से। दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन। 1998 में फ़ाउंडेशन फ़ॉर डिटेक्शन ऑफ़ अर्ली गैस्ट्रिक कार्सिनोमा, जापान के तत्त्वावधान में अन्‍तरराष्ट्रीय फ़ेलोशिप और नेशनल कैंसर सेंटर हॉस्पिटल, टोक्यो में उच्चतर प्रशिक्षण। विज्ञान परिषद्, इलाहाबाद से 1999 में विज्ञान वाचस्पति (डॉक्टर ऑफ साइंस) की उपाधि। सम्प्रति, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक।

डॉ. अग्रवाल देश में स्वास्थ्य और जनप्रिय आयुर्विज्ञान साहित्य के प्रमुख रचनाकारों में से हैं। सन् 1980 से उनके स्तम्भ और लेख-चिन्तन देश के प्रमुख राष्ट्रीय हिन्दी-अंग्रेज़ी दैनिकों और पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होते आ रहे हैं। उन्होंने बच्चों, किशोरों और नवसाक्षरों के लिए भी प्रचुर रूप से लिखा है और रेडियो-टेलीविज़न के लिए भी सीरियलों का अभिकल्पन और लेखन किया है।

उनके कॉलम ‘स्वास्थ्य सुलझन’ (गृहशोभा), ‘ओपीडी’ (हिन्दुस्तान) और ‘सैकेंड ओपिनियन’ (हिन्दुस्तान टाइम्स) पाठकों के बीच अत्यन्‍त लोकप्रिय हैं। उनके पूर्व-प्रकाशित कॉलमों में ‘परामर्श’, ‘दस सवाल’, ‘स्वास्थ्य परिक्रमा’, ‘चेक आउट’, ‘एक्सप्रेस क्रुसेड फ़ॉर हेल्थ’ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उनकी बहुत-सी पुस्तकें बेस्टसेलर साबित होने के बाद अब हिन्दी और अंग्रेज़ी के साथ-साथ देश की अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध हैं। अपने कृतित्व के लिए डॉ. अग्रवाल भारत सरकार के ‘शिक्षा पुरस्कार’ (2003), ‘साहित्यकार सम्मान’ (हिन्दी अकादमी, 2003), ‘आत्माराम सम्मान’ (1999), ‘राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार’ (1999), ‘मेघनाद साहा सम्मान’ (1991, ’92, ’93) और स्वास्थ्य मंत्रालय के ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ (1994, ’95, ’97) से अलंकृत किए जा चुके हैं।

डॉ. अग्रवाल देश के उन चुनिन्‍दा चिकित्सकों में हैं जो अस्पताल के बाहर भी देशवासियों के स्वास्थ्य के प्रति मन-प्राण से समर्पित हैं।

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