Facebook Pixel

Sangrang : Nai Peedhi Ke 25 Rangkarmiyon Ki Rachana-Prakriya-E-Book

ISBN: 9789395737302
Edition: 2022, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹224.25 Regular Price ₹299.00
25% Off
In stock
SKU
9789395737302-ebook

Buying Options

Ebook

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 216p
Price ₹299.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Sangrang : Nai Peedhi Ke 25 Rangkarmiyon Ki Rachana-Prakriya-E-Book
Your Rating
Hrishikesh Sulabh

Author: Hrishikesh Sulabh

हृषीकेश सुलभ

कथाकार, नाटककार, रंग-समीक्षक हृषीकेश सुलभ का जन्म 15 फरवरी, 1955 को बिहार के छपरा (अब सीवान) जनपद के लहेजी नामक गाँव में हुआ। आरम्भिक शिक्षा गाँव में हुई और अपने गाँव के रंगमंच से ही आपने रंग-संस्कार ग्रहण किया। आपकी कहानियाँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और अंग्रेज़ी सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनूदित हो चुकी हैं।

आप रंगमंच से गहरे जुड़ाव के कारण कथा-लेखन के साथ-साथ नाट्य-लेखन की ओर उन्मुख हुए और भिखारी ठाकुर की प्रसिद्ध नाट्यशैली बिदेसिया की रंगयुक्तियों का आधुनिक हिन्दी रंगमंच के लिए पहली बार अपने नाट्यालेखों में सृजनात्मक प्रयोग किया। विगत कुछ वर्षों से आप कथादेश मासिक में रंगमंच पर नियमित लेखन कर रहे हैं।

आपकी प्रकाशित कृतियाँ हैं : ‘अग्न‍िलीक’ (उपन्यास); ‘तूती की आवाज़’ (‘पथरकट’, ‘वधस्थल से छलाँग’ और ‘बँधा है काल’ एक जिल्द में शामिल); ‘वसंत के हत्यारे’, ‘हलन्त’ (कहानी-संग्रह); ‘प्रतिनिधि कहानियाँ’ (चयन); ‘अमली’, ‘बटोही’, ‘धरती आबा’ (नाटक); ‘माटीगाड़ी’ (शूद्रक रचित ‘मृच्छकटिकम्’ की पुनर्रचना), ‘मैला आँचल’ (फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यास का नाट्यान्तर), ‘दालिया’ (रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी पर आधारित नाटक); ‘रंगमंच का जनतंत्र’ और ‘रंग-अरंग’ (नाट्य-चिन्तन)।

सम्पर्क : पीरमुहानी, मुस्लिम क़ब्रिस्तान के पास, कदमकुआँ, पटना–800 003

ई-मेल : hrishikesh.sulabh@gmail.com

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top