Facebook Pixel

Para Para-E-Book

Author: Pratyaksha
Edition: 2022, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹187.50 Regular Price ₹250.00
25% Off
In stock
SKU
9789394902695-ebook

Buying Options

Ebook

More Information
Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 224p
Price ₹250.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Para Para-E-Book
Your Rating
Pratyaksha

Author: Pratyaksha

प्रत्यक्षा

प्रत्यक्षा हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखती हैं। अब तक दोनों भाषाओं में उनकी बारह किताबें छप चुकी हैं–‘जंगल का जादू तिल तिल’, ‘पहर दोपहर ठुमरी’, ‘एक दिन मराकेश’, ‘तुम मिलो दोबारा’, ‘तैमूर तुम्हारा घोड़ा किधर है’, ‘बारिशगर’, ‘ग्लोब के बाहर लड़की’, ‘नैनों बीच नबी’, ‘जाल’, ‘पारा पारा’ (हिन्दी); 'Rain Song', 'Meet Me Tomorrow' (अंग्रेज़ी)। 'Her Piece of Sky', '1984 : In Memory and Imagination', 'Other Windows : The Sangam House Reader', 'In Your Shoes', 'She Stoops To Kill' में उनकी अंग्रेज़ी कहानियाँ संकलित हैं। अंग्रेज़ी में लिखी उनकी कविताएँ 'Pyrta', ‘कृत्या’ और 'Everyday Poets' में प्रकाशित हैं। कुछ पेंटिंग्स 'The Four Quarters Magazine', ‘हंस’ और ‘कृत्या’ में प्रकाशित हैं। उनकी तीन कविताएँ 2013 में ‘रेडलीफ पोएट्री अवार्ड’ की लॉन्ग लिस्ट में शामिल रहीं और फिर वे उनकी एंथोलॉजी 'The Unsettled Winter' में प्रकाशित की गईं। 2014 में नॉर्वे के अन्तरराष्ट्रीय लिटरेचर फेस्टिवल बियोर्नसन फेस्टीवालेन में सहभागी रहीं। 2015 में संगम हाउस रेसिडेंसी की फ़ेलो रहीं।

उन्हें ‘सोनभद्र कथा सम्मान’ (2011), ‘इंडो नॉर्वेजियन पुरस्कार’ (2012), ‘कृष्ण बलदेव वैद फ़ेलोशिप’ (2013) और ‘हंस कथा सम्मान’ (2018) से सम्मानित किया गया है।

सम्प्रति : पावरग्रिड में मुख्य महाप्रबन्धक (वित्त) की हैसियत से कार्यरत।

ई-मेल : pratyaksha@gmail.com

ब्लॉग : www.pratyaksha.blogspot.com

 

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top